Dehradun : ऐसा ऑनलाइन महोत्सव आपने कभी नहीं देखा होगा, देश-दुनिया से हर रोज जुड़ते हैं लोग - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

ऐसा ऑनलाइन महोत्सव आपने कभी नहीं देखा होगा, देश-दुनिया से हर रोज जुड़ते हैं लोग

Reporter Khabar Uttarakhand
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देहरादून : कोरोना काल में शादियां टल गई। धार्मिक आयोजन भी नहीं हुए। सालों से लगने वाले मेले भी टाल दिए गए हैं। ऐसाा ही एक बड़ा आयोजन देश के अखिरी गांवा माणा में श्री घंटाकर्ण का लगता था। श्री घंटाकर्ण मेला समिति हर साल इस मेले का आयोजन कराती थी, लेकिन कोरोना के कारण मेला नहीं हो पाया। लोग मेला नहीं होने से थोड़ा निराश तो हुए, लेकिन उन्होंने आशा, हौसला नहीं छोड़ा और ऑनलाइन महोत्सव कराने का निर्णय लिया।

ऑनलाइन महोत्सव

ऐसा ऑनलाइन महोत्सव, जिसे देखने और सुनने के लिए लोग रोजाना तीन घंटे देश-दुनिया एक साथ जुड़ते हैं। इस महोत्सव में हर साल उत्तराखंड के कलाकारों को बुलाया जाता था। खेल प्रतियोगिताएं भी होती थीं। लेकिन, इस बार खेल प्रतियोगिताएं और कलाकारों को तो नहीं बुलाया जा सका, लेकिन महोत्सव नहीं टला। इतना जरूर है कि महोत्सव का स्वरूप ऑनलाइन में तब्दील हो गया।

12 लोगों के एक ग्रुप

खास बात यह है कि ऑनलाइन महोत्सव के लिए इसमें शामिल होने वाले गांवों को तीन तोकों बौना, मगरखोला और धनै में बांटा गया है। इसमें बाकायदा एक एंकर नियुक्त किया गया है। वो कार्यक्रम का संचालन करते हैं। मुख्य अतिथि भी ऑनलाइन भी बुलाए जा रहे हैं। वो ऑनलाइन अपने संबोधन करते हैं। पूरे कार्यक्रम के संचालन की जिम्मेदारी उन्हीं को दी गई है।

ऐसे दी जाती है प्रस्तुति

श्री घंटाकर्ण मेला समिति के सलाहकार ऊर्जा निगम में तैनात एसडीओ नारायण सिंह चैहान कहते हैं कि लोग अपने-अपने घरों पर प्रस्तुति देते हैं। प्रस्तुति के वीडियो को ऑनलाइन ही व्हाट्सएप, वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग और फेसबुक के जरिये देखते जाते हैं। लोगों में इसको लेकर खासा उत्सा है। कार्यक्रम के लिए लोग समय पर सारे काम निपटा लेते हैं और रात नौ से 11 या साढ़े 11 बजे तक अलग-अलग शहरों में रह रहे लोगों की प्रस्तुतियों को देखते हैं। इसमें सांस्कृतिक कार्यक्रमों से लेकर जागरूक करने वाले कार्यक्रम तक शामिल किये जाते हैं।

जितने लाइन, उतने नंबर

ऑनलाइन महोत्सव के दौरान होने वाली प्रस्तुतियों की प्रतयोगिता भी की जा रही है। प्रतियोगियों को जज करने के लिए बाकायदा जज भी नियुक्त किये गए हैं। जज वीडियो पर आने वाले लाइक के आधार पर प्रतियोगी को मिलने वाले नंबर का फैसला करते हैं। उसके आधार पर विजेताओं का फैसला किया जाता है।

इन शहरों और देश से जुड़ते हैं लोग

अपनी संस्कृति से जुड़े रहने के लिए लोग हर दिन इस आॅनलाइन महोत्सव का इंतजार करते हैं। इसमें उत्तराखंड के लोग तो शामिल होते ही हैं। इसमें अलावा हर साल महोत्सव के लिए घर आने वाले दिल्ली, मुंबई, सूरत, अहमदाबाद, कोलकाता से लोग शामिल होते हैं। इसके अलावा मलेशिया और सिंगापुर से भी लोग ऑनलाइन महोत्सव में हिस्सा लेते हैं। लोग इसमें अपनी भागीदारी निभाते हैं।

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