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अपनी जमीन पर पेड़ काटने का जल्द मिलेगा अधिकार, इन संरक्षित प्रजातियों का नहीं कर पाएंगे कटान

Yogita Bisht
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उत्तराखंड में जल्द ही अपनी कृषि और गैर कृषि भूमि पर पेड़ों को काटने का अधिकार मिल सकता है। जिसके बाद 15 प्रतिबंधित प्रजातियों को छोड़कर लोग अपनी जमीन पर पेड़ काट सकते हैं। इसके लिए वन विभाग से अनुमति नहीं लेनी होगी

वन मुख्यालय के भेजे गए प्रस्ताव को मिली मंजूरी

प्रदेश में अपनी भूमि से पेड़ बिना अनुमति के काटने को लेकर वन मुख्यालय ने प्रस्ताव भेजा था। जिसे न्याय विभाग से मंजूरी मिल गई है। विधायी मंजूरी मिलने के बाद जल्द ही इस संबंध में आदेश जारी कर दिए जाएंगे। बता दें कि प्रमुख सचिव (वन) आरके सुधांशु ने इसकी पुष्टि की है।

जल्द ही किया जाएगा लागू

सरकार ने उत्तर प्रदेश वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1976 (अनुकूलन एवं उपांतरण आदेश, 2002) व उत्तर प्रदेश निजी अधिनियम, 1948 (अनुकूलन एवं उपांतरण आदेश, 2002) में संशोधन का फैसला लिया। जिसके बाद दोनों अधिनियमों में संशोधन का प्रस्ताव तैयार कर वन मुख्यालय ने शासन को भेजा। शासन स्तर पर न्याय और विधायी प्रक्रिया के बाद इन्हें लागू कर दिया जाएगा।

संरक्षित प्रजातियों का नहीं कर पाएंगे कटान

जहां एक ओर प्रदेश सरकार लोगों को अपने जमीन पर बिना अनुमति के पेड़ काटने का अधिकार दे रही है तो वहीं दूसरी ओर 15 पेड़ों को संरक्षित करने के लिए इनके कटान पर प्रतिबंध लगाया गया है।

  1. कैल
  2. खैर
  3. देवदार
  4. बीजा साल
  5. बुरांस प्रजातियां
  6. शीशम
  7. सागौन
  8. सादन
  9. साल
  10. बांज, खरसू, फलियांट, मोरू, रियांज, ओक प्रजातियां)
  11. पीपल, बरगद, पिलखन, पाकड़, गूलर व बेडू
  12. चीड़
  13. अखरोट
  14. आम (देसी, कलमी, तुकमी, सभी किस्म के)
  15. लीची
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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।