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आप भी करते हैं गूगल सर्च इंजन का इस्तेमाल, तो हो जाएं सावधान, हो सकते हैं फ्रॉड का शिकार

Yogita Bisht
4 Min Read
google फेक वेबसाइटें

आज-कल के समय हर कोई इंटरनेट का प्रयोग करता है। इंटरनेट के आने के बाद हमारे जीवन में कई काम काफी आसान हो गए हैं। जब किसी चीज के बारे में जानना हो तो हम ज्यादातर गूगल सर्च इंजन का ही प्रयोग करते हैं। अगर आप भी गूगल सर्च इंजन का इस्तेमाल करते हैं तो ऐसे में आपको ये खबर जरूर पढ़नी चाहिए।

गूगल सर्च इंजन का करते हैं इस्तेमाल तो ध्यान दें

गूगल सर्च इंजन का इस्तेमाल से जिंदगी जितनी आसान होती है उतना ही इसका नुकसान भी हो सकता है। अगर गूगल सर्च इंजन का इस्तेमाल करने पर आपने छोटी सी गलती कर दी तो ये आपके बडे़ नुकसान की वजह बन सकती है। आजकल ठग इसे फ्रॉड करने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।

कस्टमर केयर का नंबर सर्च करने से लोग हो रहे फ्रॉड का शिकार

अक्सर हम किसी दुकान, ट्रैवल एजेंसी या शॉप का नंबर ढूंढने के लिए लोग गूगल सर्च इंजन का ही इस्तेमाल करते हैं। इसके साथ ही कई बार लोग बैंक के कस्टमर केयर का नंबर भी गूगल पर ही सर्च करते हैं। अग आप भी ऐसा ही करते हैं तो आप इस से बचें।

गूगल पर ऐसी चीजों को सर्च करने से बचना चाहिए। ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां फ्रॉड वेबसाइट या किसी प्लेटफॉर्म पर गलत नंबर साझा करके लोगों के साथ फ्रॉड हुआ है। इतना ही नहीं लोगों को लाखों की चपत लगाई गई है।

ऐसे बच सकते हैं फ्रॉड का शिकार बनने से

अग आप भी कभी कोई भी ऐसी चीज गूगल पर सर्च करते हैं तो आपको सावधान रहने की जरूरत है। गूगल पर चीजों को सर्च करते समय आपको किसी भी वेबसाइट पर भरोसा नहीं करना चाहिए। किसी भी वेबसाइट पर विजिट करने से पहले आपको ये पता होना चाहिए कि कौन सी वेबसाइट असली है और कौन सी नकली है।

ऐसे लगाएं पता कौन सी वेबसाइट है असली और कौन सी नकली

कोई वेबसाइट असली है या नकली इस बात का पता आप लगा सकते हैं। आप वेबसाइट के URL इस बात को पता लगा सकते हैं। इसके साथ ही कुछ डिटेल्स को चक कर भी आप वेबसाइट के असली या नकली होने का पता लगा सकते हैं।

fake website

URL से ऐसे लगा सकते हैं पता

अगर किसी वेबसाइट असली है या नकली ये पता करना है तो आपको किसी वेबसाइट पर विजिट करने से पहले उसके यूआरएल को जरूर चेक करना चाहिए। अगर यूआरएल की स्पेलिंग में कोई गलती दिखती है तो समझ जाएं कि वो वेबसाइट फर्जी है। 

इन डिटेल्स को करें चेक

कुछ डिटेल्स को चेक करके भी आप पता लगा सकते हैं कि कोई बेवसाइट असली है या नकली है। नकली वेबसाइट की डिजाइनिंग भी हूबहू असली वेबसाइट की तरह ही की जाती है। नकली वेबसाइट पर आपको कंपनी से जुड़ी जरूरी जानकारियां नहीं मिलेंगी।

इन जानकारियों में कॉन्टेक्ट डिटेल्स, ऑफिस का एड्रेस, रिटर्न से जुड़ी पॉलिसी आदि सब होती हैँ। फेक वेबसाइटें कई बार बंपर डिस्काउंट पर प्रोडक्ट को बेचने का दावा करती हैं। ऐसी नकली वेबसाइट पर आपको प्रोडक्ट की आधी अधूरी जानकारी मिलेगी। प्रोडेक्ट की पूरी जानकारी नहीं होगी।

इसके साथ ही अगर वेबसाइट पर आपको स्पेलिंग या उसमें लिखी जानकारी में व्याकरण की गलतियां दिखती हैं, तो ये सबसे बड़ा इशारा है कि ये वेबसाइट नकली है। इस तरह की नकली वेबसाइटों से आपको सतर्क रहने की जरूरत है। ये वेबसाइटें क तरह का जाल हैं जो आपको फंसाने के लिए बिछाए गए हैं। इनमें फंसने के बाद आप किसी बड़े साइबर फ्रॉड का शिकार हो सकते हैं। 

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।