LIVE : गजब!चूहों पर लगा 35 लाख की शराब पीने का आरोप, जांच में हुआ ये बड़ा खुलासा - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

गजब!चूहों पर लगा 35 लाख की शराब पीने का आरोप, जांच में हुआ ये बड़ा खुलासा

Reporter Khabar Uttarakhand
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यूपी: पुलिस तील का ताड़ बनाने में महारथ रखती है। कई बार केस दर्ज करने के मामलों भी इस तरह की बातें सामने आती रहती हैं, कि जो घटना हुई नहीं, रिकाॅर्ड में वो दर्ज हो जाती है. ऐसा ही एक और मामला UP में सामने आया है. एटा में कोतवाली देहात पुलिस स्टेशन के स्ट्रांगरूम से 35 लाख रुपये कीमत की शराब की 1400 से ज्यादा पेटियां गायब पाई गई हैं. यहां तैनात पुलिस अधिकारियों ने दावा किया है कि शराब की इन पेटियों को चूहों ने नष्ट कर दिया है.
पुलिस स्टेशन के रिकॉर्ड से मिली जानकारी के अनुसार चूहों ने अवैध शराब की प्लास्टिक की बोतलों को चबा डाला, कांच की बोतलों को तोड़ डाला और जिन पेटियों में शराब रखी थी उन्हें भी नष्ट कर दिया है.

आगरा जोन के एडीजी राजीव कृष्णन ने अलीगढ़ के आईपीएस अधिकारी विकास सिंह को इस मामले की जांच का जिम्मा सौंपा. शुरुआती जांच में पता चला है कि पुलिस ने इस जब्त की गई शराब को गेंगस्टर बंटू यादव को बेचा है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार सिंह ने बताया, श्शुरुआती जांच के बाद पता चला है कि जब्त की गई अवैध शराब को पुलिस ने स्थानीय गेंगस्टर बंटू यादव को बेचा है. उसे शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस पूरे मामले की गहन छानबीन कर रही है.श्

बंटू यादव को कोतवाली देहात पुलिस स्टेशन में ही उसके खिलाफ दर्ज एक फेक एंकाउंटर के मामलें में शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में इसी थाने के एसएचओ इंद्रेशपाल सिंह भी मुख्य आरोपी है जो कि फिलहाल फरार चल रहा है. 12 मार्च को जिलाधिकारी विभा चहल और SSP सुनील कुमार सिंह ने कोतवाली देहात पुलिस स्टेशन के स्ट्रांगरूम का औचक निरीक्षण किया था. इस दौरान अवैध शराब की जब्त 1459 पेटियां गायब मिली थी. इस मामले में बार-बार समन भेजने के बावजूद एसएचओ इंद्रेशपाल सिंह और हेड क्लर्क रसाल सिंह अपनी सफाई देने के लिए उपस्थित नहीं हुए.

DM विभा चहल ने इस मामले में एसएचओ और हेड क्लर्क के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश दिए थे. जिसके बाद दोनों को ही सस्पेंड कर दिया गया था. दोनों पर आईपीसी की धारा 409 (सरकारी कर्मचारी द्वारा विश्वास तोड़ने का अपराध) और भ्रष्टाचार निरोधक कानून एवं यूपी आबकारी कानून के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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