Haridwar : हरिद्वार : प्रसव पीड़ा से तड़पती रही महिला, महिला डॉक्टर बोली-पहले दो 10 हजार - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

हरिद्वार : प्रसव पीड़ा से तड़पती रही महिला, महिला डॉक्टर बोली-पहले दो 10 हजार

Reporter Khabar Uttarakhand
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amit shah

हरिद्वार(गोविंद सिंह) : लक्सर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में महिला डॉक्टर पर गर्भवती महिला के परिवार वालों ने 10 हजार रुपये मांगने का आऱोप लगाया है। परिवार का कहना है कि हेपेटाइटिस बी( काला पीलिया) बताकर सीएससी कर्मचारियों ने दस हजार रुपये की मांग की। परिजनों के पैसे ना देने पर महिला को हाई रिस्क प्रेगनेंसी बताकर प्रसव करने से मना कर दिया।बाद में महिला ने निजी अस्पताल में नार्मल डिलवरी से बच्चे को जन्म दिया परिजनों ने इसकी शिकायत सीएससी के अधीक्षक से की।

आपको बता दें लक्सर के खड़ंजा कुतुबपुर निवासी अब्दुल वसी की पत्नी गुल्फ़सा पिछले दिनों गर्भवती थी परिजन गर्भवस्था के शुरुआती दिनों से ही उसे लक्सर सीएससी में दिखा रहे थे। गत दिवस प्रसव पीड़ा होने पर परिजन उसे लेकर सीएससी लक्सर पहुंचे और भर्ती कराने की मांग की।

वहीं आरोप है कि सीएचसी के परसों विंग में तैनात महिला डॉक्टर ने भर्ती करने के बदले परिजनों से दस हजार रुपये की मांग की। जब परिजनों ने पैसे देने से मना किया तो महिला डॉक्टर ने  गुल्फ़सा की खून की जांच की जाँच के बाद डॉक्टर महिला ने प्रसव महिला को काला पीलिया बताकर (हैपेटाइटिस बी) होने की बात कहते हुए प्रसूता महिला की हाई रिस्क प्रेगनेंसी बताकर भर्ती करने से साफ इनकार कर दिया। परिजनों द्वारा प्रसूता महिला को लक्सर के ही भारत नर्सिंग होम पहुंचे जब भारत नर्सिंग होम की डॉक्टर ने प्रसूता महिला की जांच की तो प्रसव महिला की (हेपेटाइटिस) होने की पुष्टि नहीं हुई, जिस पर भारत नर्सिंग होम के डॉक्टर ने प्रसूता महिला को भर्ती कर लिया कुछ समय बाद महिला ने नार्मल डिलीवरी से बच्चे को जन्म दिया।

उसके बाद महिला के परिजन लक्सर सीएससी पहुंचकर अधीक्षक डॉ अनिल वर्मा से मिले और स्टाफ द्वारा प्रसव कराने के बदले सुविधा शुल्क मांगने की लिखित शिकायत और जमकर हंगामा कांटा जो तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है। सीएचसी अधीक्षक डॉ अनिल वर्मा ने शिकायत मिलने की पुष्टि करते हुए बताया कि मामले की जांच की जा रही है जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

वहीं जब हमारी टीम हकीकत जानने प्राइवेट लैब संचालक के पास पहुंची तो उन्होंने बताया एक गर्भवती महिला की जांच हुई है जिसमें महिला को हेपेटाइटिस बी की रिपोर्ट नॉर्मल है जबकि सरकारी अस्पताल में महिला को हेपेटाइटिस बी दर्शाया गया है। वहीं लैब संचालक ने अपनी लैब में हुई जांच को सही बताया है।

ऐसे में सवाल उठना भी लाजमी बनता है यदि प्राइवेट लैब की जांच सही है तो लक्सर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मैं हुई जांच में हेपेटाइटिस बी( काला पीलिया) की पुष्टि होना अपने आप में कई सवालिया निशान खड़ा कर रहा है। या फिर यूं कहे की गलत जांच बताकर रिश्वत लेने का यह नया तरीका अपनाया जा रहा है। जहां एक तरफ सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लाख दावे करती है वहीं यह दावे लक्सर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में खोखले नजर आ रहे हैं। बरहाल देखना होगा स्वास्थ्य विभाग इस मामले में दोषी डॉक्टरों के खिलाफ क्या कार्रवाई करता है और आने वाले मरीजों को इस अस्पताल का लाभ कब तक मिल पाता।

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