Big News : लोहाघाट में लचर स्वास्थ्य सुविधाओं की भेंट चढ़ी महिला, समय से उपचार न मिलने पर हुई मौत - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

लोहाघाट में लचर स्वास्थ्य सुविधाओं की भेंट चढ़ी महिला, समय से उपचार न मिलने पर हुई मौत

Yogita Bisht
5 Min Read
lohaghat लोहाघाट

प्रदेश में अक्सर लचर स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी का मुद्दा उठता रहता है। हर बार इसे दुरूस्त करने के आदेश दिए जाते हैं लेकिन पहाड़ों पर अब हालात वैसे के वैसे हैं। एक बार फिर लचर स्वास्थ्य सुविधाओं के कारण लोहाघाट में एक महिला की मौत हो गई। महिला को समय पर ईलाज ना मिलने के कारण उसकी मौत हो गई।

लचर स्वास्थ्य सुविधाओं के कारण गई एक और की जान

प्रदेश में पहाड़ी इलाकों में लचर स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल किसी से भी छिपा नहीं है। इन्हें दुरूस्त करने के आदेश कई बार दिए जाते हैं लेकिन काम धरातल पर कभी नहीं दिखता। एक बार फिर स्वास्थ्य सुविधाओं एक और जान ले ली है। लोहाघाट में एक महिला को समय पर उपचार ना मिलने के कारण उसने दम तोड़ दिया।

समय पर ईलाज ना मिलने से महिला की मौत

चंपावत जिले के बाराकोट ब्लाक के चोमैल क्षेत्र के लीदू गांव की 33 वर्षीय महिला उमा देवी पत्नी गणेश सिंह बिष्ट को समय से उपचार न मिलने के कारण मौत हो गई। महिला की मौत से क्षेत्र के लोगों में सरकार व स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ काफी आक्रोश है।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इमरजेंसी में चिकित्सा की कोई सुविधा ना होने के कारण हुई मौत

ग्रामीणों ने बताया शुक्रवार शाम गांव में चल रहे नवरात्र पर्व के उत्सव की खुशी मना रही उमा देवी की रात 9:00 बजे अचानक से तबीयत बिगड़ गई थी। जिसके बाद उसे क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया।

लेकिन चोमैल क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इमरजेंसी में चिकित्सा की कोई सुविधा ना होने के कारण ग्रामीण महिला को आनन-फानन में भारी बारिश के बीच 20 किलोमीटर दूर लोहाघाट उप जिला चिकित्सालय ले जाया गया। लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही महिला की मौत हो गई।

20 से 25 हजार की आबादी पर सिर्फ एक पीएससी सेंटर, जिसमें एक डॉक्टर तक मौजूद नहीं

फरतोला जिला पंचायत सदस्य सुरेंद्र सिंह सामंत व ग्रामीणों ने कहा लगभग 20 से 25 हजार की आबादी वाले चोमैल क्षेत्र में एक पीएससी सेंटर है। जिसमें डॉक्टर तक मौजूद नहीं है। फार्मेसिस्ट के भरोसे अस्पताल चल रहा है। सामंत ने कहा वक्त बेवक्त अगर किसी का स्वास्थ्य खराब हो जाने पर इमरजेंसी में इलाज तक नहीं मिल पाता है। जिस कारण क्षेत्र के कई लोग जान गवा चुके हैं।

इमरजेंसी में मरीजों को इलाज मिलने से बच सकती हैं कई जानें

सामंत व ग्रामीणों का कहना है कि अगर चोमैल क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था ठीक होती इमरजेंसी में मरीजों को इलाज मिल जाता तो शायद इस महिला की जान बच जाती। उन्होंने कहा इमरजेंसी होने पर मरीजों को 20 किलोमीटर से भी अधिक दूरी तय कर लोहाघाट अस्पताल लाना पड़ता है।

ग्रामीणों ने की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की मांग, मांग पूरी ना होने पर दी आंदोलन की चेतावनी

जिला पंचायत सदस्य सामंत व ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन से चोमैल क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था दुरुस्त करने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने मरीजों को इमरजेंसी में इलाज की सुविधा देने की मांग की है।

लोगों ने कहा यह महिला भी जिले की लचर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गई। ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा अगर सरकार वह स्वास्थ्य विभाग जल्द चोमैल क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था दुरुस्त नहीं करता है तो क्षेत्र के लोग आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

लचर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की भेंट चढ़ी तीन मासूमों की मां

ग्रामीणों का कहना है कि महिला जिले की लचर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गई। तीन छोटे बच्चे मां के साए से महरुम हो गए। एक हंसता-खेलता परिवार लचर स्वास्थ्य सुविधाओं के कारम टूट कर बिखर गया। वहीं महिला की मौत से पूरे क्षेत्र में शोक व्याप्त है।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।