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पहाड़ की पीड़ा : महिला को डोली से ले जा रहे थे अस्पताल, नदी किनारे ही हुआ प्रसव, जुड़वा बच्चों में से एक की मौत

Yogita Bisht
2 Min Read
pithoragarh

सरकार पहाड़ पर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के दुरूस्त होने की बात करती है। लेकिन अक्सर ऐसी तस्वीरें सामने आती हैं तो कि स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खोल कर रख देती हैं। पिथौरागढ़ के मुनस्य़ारी में रुईसपाटा गांव निवासी गर्भवती का नदी किनारे ही प्रसव हो गया। महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया जिसमें से एक की मौत हो गई।

नदी किनारे ही हुआ प्रसव, जुड़वा बच्चों में से एक की मौत

पिथौरागढ़ में सिरमोला तोक निवासी कवींद्र सिंह की पत्नी हेमा देवी को अस्पताल ले जाया जा रहा था। लेकिन रास्ते में ही उसे प्रसव पीड़ा हुई और रास्ते में ही प्रसव कराना पड़ा। महिला ने रास्ते में ही नदी किनारे बच्चों को जन्म दिया। लेकिन जुड़वा बच्चों में से एक बच्चा मृत पैदा हुआ। बता दें कि महिला का सुरक्षित प्रसव आशा कार्यकर्ता पुष्पा देवी और क्वीटी अस्पताल की स्वास्थ्य कार्यकर्ता निर्मला ने करवाया।

गांव में सड़क ना होने से चलना पड़ता है पैदल

मिली जानकारी के मुताबिक सिरमोला तोक में सड़क नहीं है। सालों से ग्रामीण सड़क की मांग कर रहे हैं। लेकिन आज तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई है। करीब 15 साल बाद भी उनके गांव तक सड़क नहीं पहुंच पाई है। जिस कारण उन्हें तीन किमी पैदल चलना पड़ता है। बीमार लोगों को या गर्भवती महिलाओं को डोली से अस्पताल ले जाना पड़ता है। ग्रामीणों उनके गांव तक सड़क बनाने की मांग की है।

खुशी के साथ ही गम का माहौल

परिवार में जहां एक ओर जच्चा और एक बच्चे के सुरक्षित होने से खुशी का माहौल है तो वहीं दूसरी ओर दूसरे बच्चे की मौत होने से गम का माहौल भी है। गांव वालों का कहना है कि अगर महिला को समय पर अस्पताल ले जाया जाता तो शायद दूसरे बच्चे की भी जान बच जाती।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।