कर्नाटक के CM Siddaramaiah मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण मामले में घिर गए हैं। गर्वनर थावरचंद गहलोत ने सीएम के खिलाफ मुकदमा चलाने की इजाजत दे दी है। अब सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ केस चलेगा। सीएम पर जमीन आवंटन में गड़बड़ी का आरोप है। मुडा मामले में राज्यपाल ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को कारण बताओ नोटिस भेजा था।
तीन याचिकाओं पर मुकदमा दर्ज
बता दें कि आरटीआई टीजे अब्राहम, प्रदीप और स्नेहमयी कृष्णा द्वारा दायर तीन याचिकाओं पर सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ केस चलाया जाएगा। अब्राहम ने राज्यपाल से सीएम के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत केस चलाने की मांग की थी क्योंकि उनकी मंजूरी के बिना सीएम के खिलाफ केस नहीं चल सकता। इसी के साथ अपनी शिकायत में अब्राहम ने सिद्धारमैया के अलावा उनकी पत्नी, बेटे और मुडा के कमिश्नर के खिलाफ केस चलाने की मांग की थी।
क्या है मुडा योजना का मामला?
बता दें कि साल 2020 में मुडा योजना शुरु की गई थी, जिसके तहत लोगों से मैसूर के विकास के नाम पर उनकी जमीन ली गई थी, जिसके तहत 50:50 का फॉर्मूला था, जिसके चलते लोगों की जितनी जमीन ली गई उसको 50 फीसदी जमीन या वैकल्पिक साइट उन्हें मुआवजे के तौर पर दी जानी थी। हालांकि, साल 2023 में शहरी विकास मंत्री बिरथी सुरेश ने शिकायतें आने के बाद इस योजना को रद्द कर दिया था। हालांकि, आरोप लगे हैं कि इस योजना के निरस्त होने के बाद भी इसके तहत साइटों का आवंटन जारी रहा।
रिपोर्ट के मुताबिक सामने आया है कि इस योजना में कई उल्लंघन किए गए हैं जैसे व्यक्तियों को योजना के तहत जितनी जमीन दी जानी चाहिए थी उससे ज्यादा वैकल्पिक साइटें दी गई। साथ ही ये भी आरोप लगे कि रियल एस्टेट एजेंटों को इस स्कीम में जमीन दी गई। सीएम सिद्धारमैया के साथ-साथ उनकी पत्नी पर भी आरोप लगे हैं कि, उनकी पत्नी पार्वती के पास मैसूर के केसारे गांव में 3 एकड़ जमीन थी, यह जमीन विकास के लिए मुडा ने अधिग्रहित की थी, और मैसूर में एक पॉश इलाके में सिद्दारमैया की पत्नी को जमीन के बदले एक जमीन आवंटिन की गई थी। यह आरोप लगाया गया है कि सीएम की पत्नी पार्वती को जो जमीन आवंटित की गई थी वो उनसे मुडा द्वारा अधिग्रहीत की गई जमीन की कीमत से ज्यादा की थी।
इस योजना पर उठे कई सवाल
वहीं पार्वती सिद्धारमैया के पास मूल रुप से मैसूर के केसारे गांव में लगभग 3 एकड़ की जमीन थी, जो उनके भाई मल्लिकार्जुन ने उनको गिफ्ट की थी। इस जमीन को विकास के लिए मुडा द्वारा अधिग्रहित किया गया था। 2021 में पार्वती को दक्षिण मैसूर के एक प्रमुख इलाके विजयनगर में 38,283 वर्ग फुट की साइट दी गई। कथित तौर पर सीएम की पत्नी ने जितनी जमीन MUDA को दी उससे ज्यादा उन्हें मुआवजे में दी गई जिसके बाद से इस योजना पर कई सवाल खड़े हो गए।
बीजेपी ने लगाया आरोप
इस मामले में कर्नाटक सरकार ने सीएम के खिलाफ 26 जुलाई को कारण बताओ नोटिस जारी किया था और सीएम से अगले 7 दिन में जवाब मांगा था। जिसके बाद अब गर्वनर ने उस पर मुकदमा चलाने की इजाजत दे दी थी। बीजेपी नेता आर अशोक और सीटी रवि ने मुडा पर पार्वती सिद्धारमैया सहति प्रभावशाली व्यक्तियों को मैसूर के पॉश इलाकों में वैकल्पिक साइट आवंटित करने का आरोप लगाया है। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि, पार्वती से जितने की जमीन ली गई उससे ज्यादा कीमत की उन्हें जमीन दी गई। विपक्ष का दावा है कि इससे सरकार को 4,000 करोड़ रुपये तक का नुकसान हुआ।
सीएम के वकील की सफाई
हालांकि सीएम के वकील एएस पोन्न्ना ने इस मामले में कहा कि, पार्वती सिद्धारमैया की जमीन 57 करोड़ की थी और उन्हें सिर्फ 15-16 करोड़ का मुआवजा मिला है। इस मामले में उनका या उनके परिवार का कोई लेना देना नहीं है। उन्होनें विपक्षी भाजपा और जद पर आरोप लगाया कि यह नफरत और बदले की भावना से और उनकी छवि बिगाड़ने के इरादे से कर रहे हैं।