National : कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में टकरार! खड़गे के पोस्टर पर क्यों पोती काली स्याही? जानें कारण - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में टकरार! खड़गे के पोस्टर पर क्यों पोती काली स्याही? जानें कारण

Renu Upreti
3 Min Read
Why black ink on Kharge's poster?
Why black ink on Kharge's poster?

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर पश्चिम बंगाल में काफी अजीबो गरीब स्थिति बनी हुई है। राज्य में टीएमसी और कांग्रेस के बीच टकराव देखने को मिल रहा है। जबकि दिल्ली में टीएमसी इंडिया गठबंधन का समर्थन करती दिख रही है। टीएमसी के कारण बंगाल कांग्रेस और केंद्रीय कांग्रेस के नेताओं के बीच सीधी टक्कर देखने को मिल रही है।

क्या है मामला?

दरअसल, हाल ही में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने ऐलान किया था कि इंडिया गठबंधन के जीतने पर टीएमसी दिल्ली में उसे समर्थन देगी। वहीं कांग्रेस के दिग्गज नेता और बहरामपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अधीर रंजन चौधरी ने यह कह दिया कि उन्हें टीएमसी पर कोई भरोसा नहीं है क्योंकि ममता बनर्जी बीजेपी की मदद करती है।

खड़गे ने अधीर रंजन को लगाई फटकार

वहीं जब अधीर रंजन ने ये बयान दिया तो खड़गे ने अधीर रंजन को फटकार लगाई। जिसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ता अपने ही राष्ट्रीय अध्यक्ष पर भड़क गए हैं। कोलकाता में प्रदेश कांग्रेस भवन में मल्लिकार्जुन खड़गे की तस्वीरों पर काली स्याही पुती हुई नजर आई है। माना जा रहा है कि अधीर रंजन के खिलाफ दिए बयान के बाद कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने ही इस घटना को अंजाम दिया है।

कोलकाता विधान भवन के सामने कांग्रेस के कई होर्डिंग लगे हुए हैं। इन होर्डिंग पर पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कांग्रेस नेताओं की तस्वीरें लगी हैं। होर्डिंग में लगी अध्यक्ष खड़गे की तस्वीरों पर स्याही पोत दी गई है, जबकि होर्डिंग पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी की भी तस्वीरें बिल्कुल साफ हैं।

थोड़ी ही देर में हटे स्याही लगे पोस्टर

हालांकि जैसे ही होर्डिंग्स पर खड़गे की तस्वीर में स्याही पुती होने की जानकारी कांग्रेस के अन्य कार्यकर्ताओं को पता चली तो उन्होनें तुरंत स्याही लगे होर्डिंग्स और बैनर हटा दिए लेकिन इस पूरे प्रकरण ने यह साफ दिखा दिया है कि पार्टी में खड़गे और अधीर के बीच बयानबाजी के चलते पार्टी में दे खेमे बन गए हैं। इनमें से एक टीएमसी नेता के खिलाफ हैं, तो दूसरा उनके पक्ष में है।

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