लेबनान में हिजबुल्लाह के लड़ाकों और सदस्यों पर हुए पेजर हमले ने दुनिया भर में सनसनी फैला दी है। इन पेजर ब्लास्ट को ताइवान की कंपनी गोल्ड अपोलो से जोड़ा जा रहा है। क्योंकि हिजबुल्लाह ने ताइवान की कंपनी को पेजर का ऑर्डर दिया था। इस बात के सामने आने के बाद ताइवान पुलिस गोल्ड अपोलो कंपनी के ऑफिस पहुंची।
कंपनी के फाउंडर ने क्या कहा?
कंपनी के फाउंडर ने मीडिया को बताया कि कंपनी ने वे पेजर नहीं बनाए थे जिनका इस्तेमाल मंगलवार को लेबनान में हुए विस्फोटों मे किया गया। उन्होनें कहा कि विस्फोट में इस्तेमाल हुए पेजर यूरोप की एक कंपनी की ओर बनाए गए थे जिसके पास ताइवानी कंपनी का ब्रांड नेम इस्तेमाल करने का राइट है।
ताइवान कंपनी का कहना है कि उन्होनें इस मॉडल के पेजर्स बनाने का सबकॉन्ट्रैक्ट यूरोप की कंपनी BAC कंसल्टिंग केएफटी को दिया और इसके कंपोनेंट थज्ञर्ड पार्टी से कराये गए हैं।
कैसे लगा ताइवान की कंपनी पर आरोप?
विस्फोट में फटे पेजर की तस्वीरों का न्यूज एजेंसी रायटर्स द्वारा विश्लेषण किया गया, जिसमें उसके पीछे के स्टिकर दिखाई दिए जो गोल्ड अपोलो कंपनी के थे। लेबनान के एक वरिष्ठ सुरक्षा सूत्र ने रॉयटर्स को बताया कि हिजबुल्लाह ने ताइवान स्थित गोल्ड अपोलो से 5,000 पेजर्स का ऑर्डर दिया था।
Pager फटने से 11 लोगों की मौत
बता दें कि मंगलवार को लेबनान और सीरिया में लेबनान सदस्यों के पेजर फटने लगे, जिसकी वजह से करीब 3 हजार हिजबुल्लाह फाइटर और आम नागरिक घायल हो गए और करीब 11 के मरने की खबर है। हिजबुल्लाह ने इस हमले के पीछे इजराइल का हाथ बताया है। हालांकि इजराइल की ओर से इसको लेकर कोई बयान नहीं सामने आया है।