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शादी में महिला को मिले गहनों पर किसका अधिकार? जानें सुप्रीम कोर्ट का फैसला

Renu Upreti
2 Min Read
Who has the right over the jewelery given to a woman in marriage? Know the decision of the Supreme Court

शादी में महिला को मिलने वाले गहने और अन्य सामान पर सिर्फ महिला का हक है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुनाया कि एक महिला अपने स्त्रीधन शादी के समय अपने माता-पिता द्वारा दिए गए सोने के गहने और अन्य सामान की एकमात्र मालिक है। कोर्ट ने कहा कि स्त्रीधन पर महिला के पति का भी अधिकार नहीं है। तलाक के बाद अगर महिला स्वस्थ और फैसले लेने में सक्षम है तो स्त्रीधन पर उसके पिता का भी हक नहीं है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने तलाक के बाद स्त्रीधन को लेकर दायर किए गए एक केस की सुनवाई करने के बाद यह बातें कही। बता दें कि स्त्रीधन वह चीज होती है जो शादी के दौरान महिला को मिलता है। जैसे की गहने और अन्य सामान।

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि, तेलंगाना के पडाला के पी वीरभद्र राव की बेटी की शादी दिसंबर 1999 में हुई और दंपति अमेरिका चले गए। वीरभद्र राव ने शादी के दौरान बेटी को कई गहने और उपहार दिए थे। शादी के बाद अमेरिका में महिला और पति के बीच अनबन हुई और दोनों ने शादी के 16 साल बाद तलाक ले लिए। बेटी ने दूसरी शादी कर ली। वीरभद्र राव ने बेटी के पूर्व ससुराल वालों के खिलाफ केस कर स्त्रीधन पर अपना हक जताया। बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया।

पहले के ससुराल वालों ने एफआईआर को रद्द करने के लिए तेलंगाना हाई कोर्ट का रूख किया। वहां राहत नहीं मिला तो हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की। न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने ससुराल वालों के खिलाफ मामला रद्द कर दिया और कहा कि पिता के पास अपनी बेटी का स्त्रीधन वापस मांगने का कोई अधिकार नहीं है। क्योंकि वह पूरी तरह से उसका था।

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