Big News : इस महीने में आ सकती है कोरोना की तीसरी लहर, वैज्ञानिक ने किया दावा - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

इस महीने में आ सकती है कोरोना की तीसरी लहर, वैज्ञानिक ने किया दावा

Reporter Khabar Uttarakhand
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CORONA

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भारत में कोरोना की दूसरी लहर ने कहर बरपाया। इसके बाद अब तीसरी लहर की तैयारी के दावे किए जा रहें हैं। हालांकि इस बीच तीसरी लहर कब आएगी ये तय रूप से नहीं बताया जा सकता है।

हालांकि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ, हैदराबाद के निदेशक प्रो. जीवीएस मूर्ति ने इस संबंध में एक शोध के बाद दावा किया है। जीवीएस मूर्ति ने कहा है कि भारत में जून से कोरोना के मामलों में कमी होने लगेगी। दक्षिण और पश्चिम भारत में कोविड के मामलों में बड़ी कमी आएगी तो वहीं उत्तर और पूर्वी भारत में जुलाई से उल्लेखनीय कमी दर्ज होगी।

प्रो मूर्ति की माने तो, फरवरी से मिल रहे संकेतों के बाद भी शीघ्र सार्वजनिक स्वास्थ प्रतिक्रिया की ओर ध्यान नहीं दिया गया और इसकी कमी बनी रही। यही नहीं, सार्वजनिक स्वास्थ में पेशेवर प्रतिक्रिया शामिल नहीं हुई और हालात बिदड़े।

राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक समारोह वजह

प्रो मूर्ति के अनुसार राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक समारोहों को अनुमति देने में जल्दी हुई। कोरोना की दूसरी लहर के लिए ये एक महत्वपूर्ण वजह बनी। प्रो मूर्ति ने पीटीआई से बातचीत में कहा है कि, “उन सभी देशों में जहां COVID-19 प्रतिक्रिया त्वरित और आवश्यकता-आधारित थी, सार्वजनिक स्वास्थ्य ने जिम्मेदारी से अपनी भूमिका निभाई थी। दुर्भाग्य से, भारत में ऐसा नहीं देखा गया था, जहां यह गैर-सार्वजनिक स्वास्थ्य या राजनीतिक प्रतिक्रिया थी।”

प्रो मूर्ति की माने को फ्लू की ही तरह कोविड भी लंबे समय तक बना रहेगा। जिस तरह से फ्लू हमारे समुदाय से नहीं गया उसी तरह कोविड अपने बदलते रूपों में लंबे समय तक बना रहेगा। हालांकि जब जब लापरवाही होगी और संक्रमण की चपेट में आ सकने वाले लोग अधिकता में रहेंगे तो वहां कोरोना फैलेगा। या यूं कहें कि जब भी बड़ी संख्या में संक्रमण की आशंका वाले लोग उपलब्ध होंगे, तब प्रकोप होगा।

खत्म होगी प्रतिरोधक क्षमता 

प्रो मूर्ति ने कहा, “हम जानते हैं कि COVID-19 संक्रमण के बाद इम्‍युनिटी केवल 3-6 महीने की छोटी अवधि के लिए होती है, जिसके बाद वही व्यक्ति पुन: संक्रमित होने की चपेट में आ जाता है। पुन: संक्रमण वायरल लोड पर निर्भर करेगा, जिससे अतिसंवेदनशील व्यक्ति के संपर्क में आत है। हमने कुछ मुख्यमंत्रियों और राष्ट्रीय नेताओं को भी दूसरी बार संक्रमित होते देखा है। इसलिए कोई भी स्थायी रूप से इम्‍युनिटी हासिल नहीं करता है।”

प्रो मूर्ति ने अपने शोध के आधार पर दावा किया है कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर नवंबर में आ सकती है। इसके पीछे एंटीबॉडीज के छह महीने में खत्म हो जाने को आधार माना जा रहा है। दरअसल भारत में कोरोना की दूसरी लहर अप्रैल मई में आई। इस तरह देखे तो लोगों में जो एंटिबॉडी बनी वो तकरीबन चार से पांच महीने में खत्म हो जाएगी। इस लिहाज से देखा जाए तो छठां महीना मुश्किल खड़ी कर सकता है। इस हिसाब के नवंबर में तीसरी लहर की आशंका है।

प्रो. मूर्ति ने कहा, “यदि देश नवंबर तक 30 वर्ष से अधिक आयु के 80 प्रतिशत से अधिक लोगों का टीकाकरण कर सकता है, तो हम COVID के प्रसार के लिए एक प्रभावी चुनौती का सामना करने में सक्षम होंगे।” साथ ही बच्चों में उपलब्ध टीकों का फील्ड-टेस्ट करने का प्रयास किया जाना चाहिए ताकि यदि संभव हो तो वैक्सीन को देश में ‘यूनिवर्सल प्रोग्राम ऑफ इम्यूनाइजेशन’ में जोड़ा जा सके।

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