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Uttarakhand Election : प्रत्याशी के समर्थन में मायावती आईं थी पहाड़, लेकिन सभा से गायब थे उम्मीदवार, नहीं भूले लोग ये किस्सा

Yogita Bisht
3 Min Read
मायावती (1)

लोकसभा चुनाव ये जुड़ा एक किस्सा आज भी मतदाताओं के दिमाग पर छाया हुआ है। जब प्रत्याशी के समर्थन में रैली करने के लिए बसपा सुप्रीमो बागेश्वर आईं थी लेकिन प्रत्याशी ही रैली से गायब थे। मतदाता आज भी इस किस्से को भूल नहीं पाए हैं। ये बात है साल 2004 की जब बहुजन समाज पार्टी ने अल्मोड़ा सीट से श्याम लाल को मैदान में उतारा था।

प्रत्याशी के समर्थन में रैली करने आईं थी मायावती

साल 2004 के लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने अल्मोड़ा सीट से श्याम लाल को टिकट दिया था। तब अल्मोड़ा सामान्य सीट हुआ करती थी। लेकिन इसके बावजूद भी बसपा ने दलित वर्ग से प्रत्याशी को मैदान में उतारा था। भाजपा ने बची सिंह रावत व कांग्रेस से रेणुका रावत, उक्रांद से काशी सिंह ऐरी, पुरुषोत्तम शर्मा, गुलजार खान, रतन राम, राधा देवी व कौश्तुबानंद, चंद्र सिंह बिष्ट सहित कुल नौ प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे। 2004 में श्याम लाल के समर्थन में रैली करने के लिए मायावती बागेश्वर आईं थी।

सभा से ही गायब थे उम्मीदवार

मायावती को बागेश्वर के डिग्री कॉलेज मैदान में सभा को संबोधित करना था। इसके लिए सारी तैयारियां कर ली गई थी और बसपा पदाधिकारियों ने सभा में भीड़ भी जुटा ली। विशेष हेलीकॉप्टर से मायावती भी बागेश्वर पहुंच गईं। मायावती ने सभा को संबोधित करना भी शुरू कर दिया। लेकिन जिस प्रत्याशी के समर्थन में ये रैली की जा रही थी वो ही मंच पर मौजूद नहीं थे। काफी देर तक भी वो मंच पर नहीं दिखे तो कार्यकर्ताओं को संदेह हो गया।

सभा खत्म होने के बाद हुआ था खुलासा

बहुत देर तक भी श्याम लाल मंच पर नहीं आए इसलिए बार-बार मंच से ये कहा जा रहा था कि पार्टी प्रत्याशी अल्मोड़ा के दूरस्थ क्षेत्र में प्रचार कर रहे हैं। जिस कारण वह बागेश्वर नहीं पहुंच सके हैं। मायावती ने सभा को संबोधित किया और खत्म होने तक किसी को ये संदेह नहीं होने दिया कि उनके प्रत्याशी श्याम लाल ने नाम वापस ले लिया है। सभा खत्म होने के बाद कार्यकर्ताओं में चर्चा होने लगी कि श्याम लाल ने नाम वापस ले लिया था। इस राजनीतिक घटना के बाद बसपा को किरकिरी का सामना करना पड़ा था।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।