Big News : सरकार क्या भू-कानून लेकर आएगी ?, पहले इसे जनता के बीच किया जाए सार्वजनिक - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

सरकार क्या भू-कानून लेकर आएगी ?, पहले इसे जनता के बीच किया जाए सार्वजनिक

Yogita Bisht
2 Min Read
उत्तराखंड में भू-कानून की क्यों उठी मांग ?

मूल निवास-भू कानून संघर्ष समिति ने आज राजधानी देहरादून में प्रेस वार्ता की। समिति ने सीएम पुष्कर सिंह धामी के ऐलान पर भी संघर्ष समिति का बयान सामने आया है। समिति की मांग है कि सरकार क्या भू-कानून लेकर आएगी ? उसको पहले जनता के बीच सार्वजनिक किया जाए।

सरकार क्या भू-कानून लेकर आएगी इसे किया जाए सार्वजनिक

2018 में जो कानून संशोधन हुए वो ड्राफ्ट दिल्ली में बना। सरकार कोई भी कानून लेकर आए उसे विधानसभा से पहले जनता के बीच रखा जाए। उत्तराखंड में जो व्यक्ति 30 साल से रहा रहा हो उसका सत्यापन के बाद ही जमीन 200 वर्ग मीटर खरीदने के लिए मिले। उन्होंने कहा कि 2018 से नगरी क्षेत्रों का विस्तार हो रहा है।

भूमि बंदोबस्त जल्द से जल्द करे सरकार

लगातार हो रहे नगरी क्षेत्रों के विस्तार के कारण 385 गांव नगर में शामिल हो गए हैं। देहरादून में 85 गांव नगर में शामिल हो गए हैं। उन्होंने मांग की है कि नगर और गांव के लिए एक कानून होना चाहिए। पूरे प्रदेश के लिए एक कानून होना चाहिए। इसके साथ ही भूमि बंदोबस्त सरकार को तुरंत करना चाहिए।

आने वाले समय मे केदारनाथ में की जाएगी महारैली

समिति के अध्यक्ष ने कहा कि भू-कानून के साथ 1950 मूल निवास पर भी सरकार को काम करना चाहिए। आने वाले समय में केदारनाथ में भी वो एक विशाल रैली करेंगे। ये रैली केदारनाथ उपचुनाव से पहले की जाएगी। इसके साथ ही हरिद्वार, पिथौरागढ़, पौड़ी में भी रैली का आयोजन किया जाएगा।

इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड की हर सरकार जमीनों की खुर्द बुर्द करने में शामिल रही है। इन्वेस्टर समिट के नाम पर जमीनों को खुर्द-बुर्द करने का काम किया गया है। इसके साथ ही ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में भी जमीनों को खुर्द-बुर्द किया गया है। हैरानी की बात तो ये है कि हिमालयी राज्यों में केवल उत्तराखंड में जमीनों को खुर्द-बुर्द किया गया है।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।