National : Kalaram Mandir का रामायण से क्या है नाता? जानिए इतिहास और महत्व - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

Kalaram mandir का रामायण से क्या है नाता? जानिए इतिहास और महत्व

Renu Upreti
4 Min Read
Kalaram mandir
Kalaram mandir

अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर के उद्घाटन से पहले पीएम मोदी नासिक के Kalaram mandir गए। वहां पीएम मोदी ने साफ सफाई की और वहां बैठ कर भगवान राम का कीर्तन किया और पूजा अर्चना की। क्या आप जानते हैं कि कालाराम मंदिर की क्या मान्यता है और इससे जुड़ा इतिहास क्या है। आइये जानते हैं मंदिर से जुड़ी जरुरी बातें।

Kalaram mandir का महत्व

कालाराम मंदिर महाराष्ट्र राज्य के नासिक जिले में मौजूद है। ये मंदिर भगवान राम उनेक भाई लक्ष्मण और देवी सीता को समर्पित है। ये मंदिर काफी पुराना है। कहा जाता है कि भगवान राम 14 साल के वनवास के दौरान माता सीता और लक्ष्मण के साथ यहां पंचवटी में आकर ठहरे थे। पंचवटी गोदावरी नदी के तट पर बना हुआ है। रामायण के अनुसार यह वही जगह है जहां से सीता का हरण किया था। वहीं रामायण के अनुसार इसी जगह पर रावण की बहन शूर्पणखा की नाक भी लक्ष्मण जी ने काटी थी। जिससे इस जगह का नाम नासिक पड़ गया जिसका अर्थ होता है जिसकी नाक न हो। इस वजह से इस जगह को लेकर खास मान्यता है। यहां दूर-दूर से लोग भगवान राम के दर्शन करने आते हैं।

Kalaram mandir

मंदिर का नाम क्यों पड़ा कालाराम ?

मंदिर का नाम कालाराम क्यों पड़ा, इस संबंध में एक पौराणिक कथा प्रचलित है। ऐसा माना जाता है कि एक बार सरदार रंगारू ओढेकर नाम के एक व्यक्ति को सपने में श्रीराम आए थे। उन्होनें सपने में भगवान राम की काले रंग की मूर्ति को देखा था। उन्होनें मूर्ति को गोदावरी नदी में तैरते हुए देखा था। जब उनकी नींद खुली तब वह नगी किनारे पहुंचे तो देखा तो सच में भगवान राम की काले रंग की मूर्ति मौजूद थी। उस मूर्ति को वह अपने साथ ले आए और देवालय में आकर स्थापित कर दिया। उसके बाद कालांतर में यह स्थान कालाराम मंदिर के नाम से विख्यात हो गया। मंदिर में भगवान राम, मां सीता और लक्ष्मण जी की काले रंग की शिला से बनी प्रतिमा है। जिस कारण इस मंदिर का नाम कालाराम पड़ गया। यहां के बारे में कहा जाता है कि यह इस मंदिर की वास्तुकला उच्च कोटि की है।

Kalaram mandir

Kalaram mandir को बनने में लगे थे 12 साल

मंदिर का निर्माण सन 1872 में हुआ था। सबसे पहले यहां पर लकड़ी का निर्माण हुआ था। उस वक्त इस मंदिर को बनाने में पूरे 12 साल का समय लगा था। बताते हैं कि रोजाना यहां 2 हजार लोग काम करते थे और तब जाकर यह मंदिर बना था। भारत के पश्चिम राज्य में भगवान राम का यह अद्भुत मंदिर स्थित है। इस मंदिर मे मूर्तियों का विग्रह खड़ी मुद्रा में है। श्रीराम, सीता और लक्ष्मण की काले रंग की बेहद खूबसूरत प्रतिमा यहां स्थित हैं। इन मूर्तियों की ऊंचाई करीब दो फीट है।

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