National : क्या होता है पतंजलि के मंजन पर पाया गया मछली का अर्क? जानिए क्यों फंसे बाबा रामदेव - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

क्या होता है पतंजलि के मंजन पर पाया गया मछली का अर्क? जानिए क्यों फंसे बाबा रामदेव

Renu Upreti
3 Min Read
What is the fish extract found in Patanjali's toothpaste? Know why Baba Ramdev is trapped

योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद एक बार फिर कानूनी पचड़े में फंस गई है। पतजंलि के हर्बल टूथ पाउडर दिव्य मंजन पर गंभीर आरोप लगे हैं। दिल्ली हाई कोर्ट में दायर एक याचिका में आरोप लगाया गया है कि पतंजलि जिस दिव्य मंजन को शाकाहारी और आयुर्वेदिक बनाकर बेच रही है वो एक मछली के अर्क से बना है। कंपनी लंबे समय से इसका ऐसे ही प्रचार कर रही है लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। याचिकाकर्ता ने एक रिसर्च का हवाला देकर पतंजलि के खिलाफ याचिका दायर की है। लेकिन आखिर मछली का वो अर्क क्या है जिसे लेकर बवाल मचा हुआ है, आइये जानते हैं।

दिल्ली हाईकोर्ट में वकील यतिन शर्मा द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि पतंजलि के दिव्य मंजन के पैकेजिंग पर हरे रंग के बिंदु है, जो शाकाहारी उत्पादों को दर्शाता है। लेकिन इसमें शामिल चीजों को देखने पर पता चलता है कि टूथ पाउडर में सेप्रिया ऑफिसिनेलिस है। याचिकाकर्ता ने कहा कि ये ग्राहकों को गुमराह करने जैसा है और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट का उल्लंघन है। शर्मा ने कहा कि यह खोज उनके और उनके परिवार के लिए बेहद परेशान करने वाली है, क्योंकि उनकी धार्मिक मान्यताएं मांसाहारी चीजों के सेवन की इजाजत नहीं देतीं।

क्या होता है सेप्रिया ऑफिसिनेलिस?

बता दें कि सेप्रिया ऑफिसिनेलिस एक समुद्री जीव है, जिसे आम भाषा में कटलफिश के नाम से जाना जाता है। इसका अर्क कटलफिश के इंक सैक से निकाला जाता है। इसे होम्योपैथिक दवाओं और कुछ अन्य प्रकार की देसी दवाओं में प्रयोग किया जाता है, खासकर त्वचा और शारीरिक संतुलन से जुड़े मामलों में। कटलफिश के अर्क का उपयोग आमतौर पर औषधीय उद्देश्यों के लिए होता है, न कि टूथपेस्ट में।

रामदेव ने स्वीकार किया था- याचिकाकर्ता

वहीं कोर्ट में याचिका दायर करने वाले शर्मा ने आरोप लगाया है कि बाबा रामदेव ने एक यूट्यूब वीडियो में स्वीकार किया था कि दिव्य मंजन में समुद्री जीव से बना उत्पाद इस्तेमाल किया जाता है। याचिका में उत्पाद के कथित गलत लेबलिंग के मामले में न्यायिक हस्तक्षेप की मांग की गई है। साथ ही, अनजाने में मांसाहारी उत्पाद के सेवन से हुई मानसिक पीड़ा के लिए मुआवजे की भी मांग की गई है। याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद, बाबा रामदेव, केंद्र सरकार और उत्पाद बनाने वाली पतंजलि की दिव्य फार्मेसी को नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 28 नवंबर को होगी।

Share This Article