International News : क्या है रूस का 'टॉम्ब ऑफ द अननोन सोल्जर'? यहां जाने वाले हैं पीएम मोदी - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

क्या है रूस का ‘टॉम्ब ऑफ द अननोन सोल्जर’? यहां जाने वाले हैं पीएम मोदी

Renu Upreti
6 Min Read
What is Russia's 'Tomb of the Unknown Soldier'?

पीएम मोदी रूस की यात्रा पर है। इस यात्रा पर पीएम मोदी पीएम बनने के बाद तीसरी बार गए हैं। बता दें कि पिछले तीन सालों में दोनों देशों के बीच कोई भी द्विपक्षीय बैठक नहीं हुई है। वहीं पीएम मोदी के रूस यात्रा के दौरान टॉम्ब ऑफ द अननोन सोल्जर चर्चा में है, जहां पीएम मोदी पहुंचेंगे। आइये जानते हैं क्या है टॉम्ब ऑफ द अननोन सोल्जर?

बता दें कि टॉम्ब ऑफ द अननोन सोल्जर एक वॉर मेमोरियल है। यह स्मारक द्वितीय विश्व युद्ध में मारे गए सोवियत संघ के सैनिकों को समर्पित है। दुनिया में 50 से ज्यादा देश है जहां इसी तरह का स्मारक मौजूद है। पीएम मोदी यहां पहुंचेंगे और सैनिकों को श्रद्धांजलि देंगे। यह मॉस्को के अलेक्डेंजर गार्डन में है। सोवियत सैनिकों को समर्पित इल युद्ध स्मारक को आर्किटेक्ट डी. आई. बर्डिन और वी. ए. क्लिमोव ने डिजाइन किया था। 8 मई 1967 को इसका अनावरण किया गया।

आपका नाम अज्ञात है, आपक काम अमर है

बता दें कि इस स्मारक के सामने एक वर्गाकार मैदान पांच कोण वाला तारा बना हुआ है और उसके कंद्र में अमर ज्वाला जलती है। यह वहां पर मौजूद कांस्य शिलालेख को रौशन करती है। शिलालेख पर रूसी भाषा में Имя твоё неизвестно, подвиг твой бессмертен लिखा है। बता दें कि इस वाक्य का मतलब होता है, आपका नाम अज्ञात है, आपक काम अमर है। यह सोवियत सैनिकों के बलिदान को दर्शाता है।

बता दें कि देश के लिए जान न्योछावर करने वाले ऐसे सैनिकों के लिए वॉर मेमोरियल बनाने की परंपरा 1920 में फ्रांस और ब्रिटेन में शुरु हुई। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद विश्व स्तर पर यह चलन शुरु हो गया। आज 50 से ज्यादा देशों में ऐसे स्मारक हैं, जो राष्ट्रों के गौरव के प्रतीक स्थल बन गए हैं।

ऐसे हुई वॉर मेमोरियल बनाने की परंपरा

यहां बनी कब्र उन अज्ञात सैनिकों का सम्मान करती हैं जिन्होनें देश के लिए अपनी जान दे दी। उन्हें याद किया जाता है भले ही उनके नाम की जानकारी ऐतिहासिक दस्तवेजों में न मौजूद हो। जंग के दौरान शहीद हुए सैनिकों की पहचान एक बड़ी समस्या थी क्योंकि कई शव बहुत बुरी हालत में थे। इसलिए ऐसे सैनिकों के लिए वॉर मेमोरिय की परंपरा शुरु हुई।

राष्ट्रीय और व्यक्तिगत शोक के लिए है स्मारक

ये स्मारक राष्ट्रीय और व्यक्तिगत शोक के लिए है। वॉर मेमोरियल शहीद हुए सैनिकों के परिवारों को अपने प्रियजनों का सम्मान करने और राष्ट्र को अपने नायकों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक प्रतीक स्थल के रूप में मौजूद है। रूस में अज्ञात सैनिक का वॉर मेमोरियल द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सैनिकों के बलिदान के रूप में मौजूद है।

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