मिशन चंद्रयान एक और पड़ाव को कामयाबी से पार कर गया है। आज प्रोपल्शन माड्यूल से लैंडर विक्रम अलग हो गया है । इसके साथ ही अब विक्रम लैंडर प्रज्ञान (Vikram Lander Chandrayaan 3) को लेकर चांद की और बढ़ चला है।
बताते चले कि 6 दिन बाद लैंडर विक्रम चांद को चूमेगा फिर प्रज्ञान लैंडर विक्रम से बाहर आकर चांद पर चहलकदमी करेगा। लैंडिंग के बाद लैंडर से 6 पहियों वाला रोवर बाहर निकलेगा जो एक चंद्र दिवस यानी धरती के 14 दिन वहां प्रयोग करेगा।
किसका मिशन चांद पर पहले करेगा लैंड ?
दरअसल एक और दिलचस्प बात है। वो ये कि दुनिया की निगाहें इस बात पर टिकी है कि भारत का चंद्रयान 3 और रूस का Luna 25 में से किसका मिशन चांद पर पहले लैंड करेगा।
प्रोपल्शन से अलग होने के बाद प्रारंभिक जांच होगी। इसरो का कहना है कि Vikram Lander में 4 प्रमुख थ्रस्टर्स है जो उसे चांद की सतह पर उतरने में सक्षम बनाएंगे। साथ ही अन्य सेंसर का भी परिक्षण किया जाएगा।
अब आगे क्या होगा ?
बताया जा रहा है कि अब शुक्रवार शाम 4 बजे लैंडर माड्यूल को निचले ऑर्बिट में डिबूस्ट करने के प्रक्रिया शुरू की जाएगी। मौजूदा वक्त में चांद के पास 3 प्रोपल्शन माड्यूल है। यानी भारत चांद की सतह को फतह करने के बहुत पास है।
प्रोपल्शन माड्यूल का काम क्या ?
आपके मन में सवाल हो सकता है कि आखिर प्रोपल्शन माड्यूल का काम क्या होगा ? क्या वे चांद पर यूं ही उड़ता रहेगा ? लेकिन ऐसा नहीं है।
दरअसल चांद की कक्षा में विक्रम लैंडर को 100 किलोमीटर ऊपर से छोड़ने के साथ ही ये लैंडर से संचार स्थापित रखने के लिए चक्कर लगाता रहेगा। इसके अलावा लैंडर से डाटा कलेक्ट कर जमीन पर इसरो को भी भेजता रहेगा।