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Vijay Diwas: भारत के लिए क्यों खास है 16 दिसंबर? जानिए इसका इतिहास और महत्व

Renu Upreti
3 Min Read
Vijay Diwas: Why is 16th December special for India?

हर साल 16 दिसंबर को भारत में Vijay Diwas मनाया जाता है। इस दिन वर्ष 1971 में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। इस जीत की वजह से बांग्लादेश को खुद का वजूद मिला था। कई दिनों तक चले इस युद्ध में भारतीय सशस्त्र बलों और बांग्लादेशी मुक्ति वाहिनी ने अपनी जी जान लगा दी थी, इसी वजह से इसकी जीत भारत के पक्ष में रही। ऐसे में 16 दिसंबर को उन वीर सैनिकों और नागरिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है जिन्होनें इस युद्ध में अपनी जान कुर्बान कर दी।

दरअसल, बंटवारे के बाद पाकिस्तान के पूर्व हिस्से जिसे अब बांग्लादेश कहते हैं वहां सांस्कृतिक और राजनीतिक भेदभाव के कारण तनाव बढ़ गया था। नरसंहार, बलात्कार और मानवाधिकारों का उल्लंघन करने में पाकिस्तान ने सारी हदें पार कर दी थी। इसी के कारण 26 मार्च 1971 को पहली बार वहां के लोगों ने स्वतंत्रता की मांग की, लेकिन पाकिस्न ने इस पर दमनकारी नीति अपनाई। ऐसे में मानवता के खातिर भारत ने बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम का समर्थन किया, जो पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में बदल गया।

93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया

3 दिसंबर 1971 में भारत पाकिस्तान युद्ध शुरु हुआ जो कि 13 दिनों तक चला। 16 दिंसबर 1971 को पाकिस्तान की सेना के भारतीय सेना और बांग्लादेशी मुक्ति वाहिनी के सामने ढाका में आत्मसमर्पण कर दिया। इस युद्ध के अंत में लगभग 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया, जो इतिहास में किसी युद्ध में सबसे बड़ा आत्मसमर्पण माना जाता है।

16 दिसंबर की शाम ही जनरल नियाजी ने आत्मसमर्पण के कागजों पर हस्ताक्षर किए थे। जब नियाजी ने आत्मसमर्पण के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए, तब उन्होनें अपनी रिवाल्वर जनरल अरोड़ा के हवाले कर दी। इस दौरान नियाजी की आंखों में आंसू थे।

16 दिसंबर का दिन भारत के लिए खास

इस युद्ध के बाद भारत ने न केवल बांग्लादेश को सैन्य सहायता प्रदान की, बल्कि लाखों शरणार्थियों को भी शरण दी, जो पाकिस्तान की सेना द्वारा दी गई हिंसा से बचकर आए थे। पीएम इंदिरा गांधी के नेतृत्व में भारत ने निर्णायक की भूमिका निभाई थी। ऐसे में 16 दिसंबर का दिन भारत की सैन्य ताकत और कूटनीतिक नेतृत्व का प्रतीक है। इसे उन वीर सैनिकों और नागरिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है जिन्होनें अपनी जान कुर्बान की। इस दिन भारत के सैन्य प्रतिष्ठानों में परेड और श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किए जाते हैं, और सैनिकों के अदम्य साहस को सलाम किया जाता है।

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