Big News : बेजुबानों के लिए रक्षक बनी उत्तरकाशी की खुशी, छह साल से कर रहीं हैं जानवरों की सेवा - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

बेजुबानों के लिए रक्षक बनी उत्तरकाशी की खुशी, छह साल से कर रहीं हैं जानवरों की सेवा

Yogita Bisht
3 Min Read
khushi

आजकल हर कोई अपनी जिदंगी में व्यस्त है। जिदंगी की भागदौड़ में बहुत कम लोग ऐसे होते है जो निस्वार्थ भाव से बेसहारा और बेजुबान की मदद करते हैं। कुछ चुनिंदा लोग ही होते हैं जो इनकी परेशानियों को बिना बोले ही समझ लेते हैं। इन्हीं में से एक हैं उत्तरकाशी की खुशी नौटियाल जो कि बेजुबान जानवरों की रक्षक बनी है।

बेजुबानों के लिए रक्षक बनी उत्तरकाशी की खुशी

दुनिया में आपने बहुत से ऐसे लोग देखे होंगे जो जरूरतमंद इंसानों की मदद करते हैं। बेजुबान जानवरों के प्रति दया रखने वाले इंसान बहुत कम ही मिलते हैं। लेकिन उत्तराकाशी की खुशी उन चंद लोगों में शामिल है जिनमें इंसानियत अभी बाकी है। ऐसे लोग जो पशु सेवा के लिए आगे आते हैं और बिना किसी स्वार्थ के उनकी सेवा में समय गुजारते हैं।

उत्तरकाशी की ज्ञानसू वार्ड संख्या 10 की निवासी खुशी नौटियाल पिछले छह साल से बेजुबान और घायल जानवरों की सेवा कर रही हैं। जब भी वो किसी बेजुबान को घायल या बीमार देखती हैं तो वो उसे अपने घर ले आती है और खुद उनका इलाज करती हैं।

घर वाले भी देते हैं खुशी का साथ

खुशी नौटियाल पुत्री रामचंद्र उनियाल ना केवल बेजुबानों की मदद करती हैं बल्कि वो इसे अपनी जिम्मेदारी भी मानती है। बता दें कि खुशी हादसों में घायल और बीमार पड़े कुत्तों का इलाज करती हैंं। भूखे जानवरों को खाना देती हैं। इस काम में खुशी के घर वाले भी उसका पूरा साथ देते हैं। बता दें कि खुशी अब तक 100 से भी ज्यादा घायल और असहाय कुत्तों की मदद कर चुकी हैं।

इलाज के खर्चे के लिए ट्यूशन पढ़ाकर जुटाती हैं पैसा

खुशी का कहना है कि वो जब भी कॉलेज, बाजार या एनसीसी के प्रशिक्षण के लिए जाती हैं तो सड़क और गली में कुत्तों के हाल पर जरूर ध्यान देती हैं। उनका कहना है कि उनके इस काम में नकी छोटी बहन खुशहाली, मां विजयलक्ष्मी और शिक्षक पिता सुरेंद्र नौटियाल भी सहयोग करते हैं। खुशी की मां का कहना है कि पहले वो घर में सिर्फ चार लोगों का खाना बनाती थी लेकिन अब सभी बेजुबानों के लिए भी खाने का इंतजाम करती है।

इनपुट – पृथ्वी नैथानी

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।