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गंगोत्री सीट से जुड़ा हुआ एक मिथक जो साढ़े पांच दशक से अपना वजूद बनाए हुए है, जो जीता…

Reporter Khabar Uttarakhand
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AJAY KOTHIYAL

AJAY KOTHIYAL

गंगोत्री : उत्तराखंड में कई ऐसे मिथक हैं जो बरकरार भी रहे और टूटे भी। जैसे सीएम आवास से जुड़ी एक मिथक है कि जिस सीएम ने भी इस आवास में प्रवेश किया और रहे वो अपना चार साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है। वहीं एक मिथक गंगोत्री सीट से भी जुड़ा हुआ है। ये मिथक 2000 से नहीं बल्कि अभिविभाजित उत्तर प्रदेश के समय से चला आ रहा है।हालांकि कई मिथकों को उत्तराखंड में राजनीतिक दल नजरअंदाज करते रहे लेकिन कई मिथक सच भी साबित हुए।

दिल्ली के डिप्टी सीएम ने की घोषणा

आपको बता दें कि दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बुधवार को उत्तरकाशी में आयोजित पीसी के दौरान ऐलान किया कि वो कर्नल कोठियाल को गंगोत्री विधानसभा सीट से चुनाव के मैदान में उतारेंगे। लेकिन बता दें कि गंगोत्री सीट से एक मिथक जुड़ा हुआ है। आजादी के बाद सबसे पहले आम चुनाव हुए 1952 में हुआ। 1952 में उत्तरकाशी सीट से जयेंद्र सिंह बिष्ट निर्दलीय चुनाव जीते और फिर कांग्रेस में शामिल हो गए। उस समय यूपी में गोविंद बल्लभ पंत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी।

जो जो जीते उनकी बनी सरकार

फिर इसके बाद 1957 में विधानसभा चुनाव हुए और कांग्रेस के जयेंद्र सिह बिष्ट निर्वरोध निर्वाचित हुए। लखनऊ में कांग्रेस की सरकार बनी। 1958 में विधायक जयेंद्र सिंह बिष्ट की मौत के बाद कांग्रेस के ही रामचंद्र उनियाल विधायक बने। इस बीच टिहरी रियासत का हिस्सा रहा उत्तरकाशी साल 1960 में अलग जिले के रूप में अस्तित्व में आया लेकिन मिथक बरकरार रहा। साल 1977 में जनता पार्टी से बरफियालाल जुवांठा ने चुनाव लड़ा तो प्रदेश में जनता पार्टी की सरकार बनी।1991 में भाजपा के ज्ञानचंद जीते और राज्य में भाजपा की ही सरकार बनी। उत्तराखंड राज्य बनने के अब तक भी यानि 2017 तक के विधानसभा चुनावों में जिस भी पार्टी का प्रत्याशी गंगोत्री-उत्तरकाशी सीट से चुनाव जीता। राज्य में उसी पार्टी की सरकार बनी। ये अलग बात है कि राज्य बनने के बाद इस सीट का नाम उत्तरकाशी से बदलकर गंगोत्री कर दिया गया। लेकिन जो भी हो साढ़े पांच दशक से यह मिथक अपना वजूद बनाए हुए है।

इसकी चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि आप से सीएम उम्मीदवार कर्नल कोठियाल यहां से मैदान में उतरेंगे।भाजपा और कांग्रेस ने अभी तक उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। लेकिन ये मिथक इस सीट से जुड़ा हुआ है। देखने वाली बात होगी कि इस बार इस सीट से कौन जीतता है और क्या उनकी सरकार बनती हैय़

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