Highlight : उत्तराखंड की बैंणी सेना के देशभर में हो रहे चर्चे, अन्य राज्यों में हो सकती है लागू, जानिए क्या है ये प्रोजेक्ट - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

उत्तराखंड की बैंणी सेना के देशभर में हो रहे चर्चे, अन्य राज्यों में हो सकती है लागू, जानिए क्या है ये प्रोजेक्ट

Yogita Bisht
3 Min Read
haldwani beni sena

उत्तराखंड के हल्द्वानी की बैणी सेना के चर्चे अब प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में होने लगे हैं। भारत सरकार भी जल्द ही इस प्रयोग को अन्य जगह करना चाहती है।

देशभर में हो रहे बैंणी सेना के चर्चे

प्रदेश के हल्द्वानी की बैंणी सेना देशभर में चर्चाओं का विषय बनी हुई है। नगर निगम की ओर से कूड़ा एकत्रीकरण शुल्क की वसूली और मॉनिटरिंग की निगरानी के लिए बैंणी सेना बनाई गई है। इसकी पहचान अब देशभर होने लगी है। जल्दी ही भारत सरकार भी इस प्रयोग अन्य जगह करना चाहती है।

क्या है बैंणी सेना?

हल्द्वानी में नगर निगम की ओर से कूड़ा एकत्रीकरण शुल्क की वसूली और मॉनिटरिंग की निगरानी के लिए महिलाओं के साथ मिलकर बैंणी सेना बनाई गई है। जो कि घर-घर जाकर कूड़ा निस्तारण शुल्क वसूलने और सफाई व्यवस्था की देखरेख करती है। हल्द्वानी में नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने बैंणी सेना प्रोजेक्ट लागू किया है। आपको बता दें कि बैंणी एक कुमाऊंनी शब्द है जिसका अर्थ बहन होता है।

इसमें 58 स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को शामिल किया गया है। इसके तहत इन महिलाओं के जिम्मे शहर में पॉलीथीन का उपयोग बंद करवाना, डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की स्थित का जायजा लेने के साथ ही इधर-उधर फैली गंदगी की सूचना नगर निगम को देना इसके अलावा स्कूलों में जाकर स्वच्छता से संबंधित कार्यक्रम आयोजित करवाना होगा।

बैंणी सेना से जुड़ी महिलाएं बन रही स्वावलंबी

बैंणी सेना से जहां एक ओर नगर निगम की आय बढ़ी है तो वहीं दूसरी ओर बैंणी सेना से जुड़ी महिलाएं भी स्वावलंबी बनी हैं। इस से जुड़ी महिलाओं को प्रोत्साहन राशि के रूप में कूड़ा कलेक्शन से होने वाली आमदनी का 25 प्रतिशत दिया जाएगा। यह राशि महिलाओं के स्वयं सहायता समूह के खातों में डाली जाएगी।

शहरी कार्य मंत्रालय भारत सरकार के सामने किया बैंणी सेना के कार्यों का प्रजेंटेशन

राजधानी देहरादून में बुधवार को नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने नगर निगम ने आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय भारत सरकार की संयुक्त सचिव रूपा मिश्रा के सामने बैंणी सेना के कार्यों का प्रजेंटेशन किया।

इसमें उन्होंने बताया कि बैंणी सेना ने कैसे घर-घर से कूड़ा एकत्रीकरण का शुल्क जमाकर आठ लाख रुपये से बढ़ाकर 33 लाख रुपये प्रतिमाह तक पहुंचा दिया है।

भारत सरकार मे प्रोजेक्ट को सराहा

इस प्रजेंटेशन में उन्होंने बताया कि कैसे बैंणी सेना की महिलाएं नगर निगम क्षेत्र से उठ रहे कूड़े की मॉनिटरिंग कर रही हैं। इस प्रोजेक्ट को संयुक्त सचिव रूपा मिश्रा ने सराहा है। उन्होंने इस प्रयोग को अन्य राज्यों के सामने प्रस्तुत करने की बात भी कही है।

Share This Article
Follow:
योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।