Dehradun : उत्तराखंड: आंधी-तूफान ने बरपाया कहर, कार और मकानों पर गिरे पेड़ - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

उत्तराखंड: आंधी-तूफान ने बरपाया कहर, कार और मकानों पर गिरे पेड़

Reporter Khabar Uttarakhand
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cabinet minister uttarakhand

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उत्तरकाशी: उत्तरकाशी जिले की यमुना घाटी के पुरोला, बड़कोट और आसपास के क्षेत्र में जहां दिन में लोग भूकंप के झटकों से दहशत में आ गए थे। वहीं, रात होते-होते भयंकर आंधी और तूपानी से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया। पुरोला और बड़कोट क्षेत्र में आंधी तूफान ने कहर बरपाया। पुरोला तहसील में चंदेली के पास एक कार के ऊपर पेड़ गिरने के कारण उसमें सवार तीन लोग घायल हो गए। जिन्हें उपचार के लिए 108 एंबुलेंस से पीएचसी पुरोला ले जाया गया है।

यमुनोत्री हाईवे पर दुबाटा के पास एक बस के ऊपर पेड़ गिरने से चालक और परिचालक घायल हो गए। पेड़ गिरने से नौगांव पुरोला मार्ग तीन जगहों पर बंद हो गया है। हालांकि, सुबह तक मार्ग को खोल दिया गया। शनिवार देर शाम सात बजे तहसील पुरोला व बड़कोट में अचानक तेज धूलभरी आंधी तूफान के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। नौगांव से पुरोला की ओर आ रही एक कार पर चंदेली के पास पेड़ गिरने से उसमें सवार सूरज ठाकुर, शेर बहादुर व चालक अभय घायल हो गए।

जल संस्थान की आवासीय कॉलोनी पर भी पेड़ गिरा। जिसमें एक पांच वर्षीय बच्ची की जान बाल-बाल बची। आंधी तूफान से बेस्टी पाली गांव में अवतार चौहान की आटा चक्की मशीन की छत उड़ गई। नौगांव पुरोला मार्ग जगह-जगह पेड़ों के गिरने के चलते तीन स्थानों चंदेली, हुडोली व सुनार थानी में बंद हो गया है। एसओ पुरोला अशोक कुमार ने बताया कि बंद मार्ग को खोलने का प्रयास किया जा रहा है।

बड़कोट अंतर्गत यमुनोत्री हाईवे पर दुबाटा के पास सहारनपुर से बड़कोट आ रही बस पर पेड़ गिर गया। जिसमें चालक व परिचालक घायल हो गए। बस सामान छोड़ने दुबाटा की ओर जा रही थी। सूचना पर पहुंची पुलिस और 108 एंबुलेंस मौके के लिए रवाना हुई। प्राथमिक उपचार के बाद दोनों घर लौट आए। वहीं यमुनोत्री घाटी में आंधी-तूफान के कारण विद्युत आपूर्ति ठप हो गई है।

बनाल पट्टी में भी लोगों का काफी नुकसान हुआ है। कहीं घरों की छतों से पटाल गिरे तो कहीं पेड़ गिर गए, जिसके चलते लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। आंधी और तूफान की रफ्तार इतनी तेजी थी कि लोग डर कर सहम गए। कुछ देर के लिए घरों में ही कैद हो गए। गनीमत रही कि आंधी-तूफान सात बजे के बाद आया। तब तक सभी लोग घरों में पहुंच चुके थे। वरना बड़ा नुकसान हो सकता था।

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