Dehradun : उत्तराखंड: यहां बस वालों की चल रही मनमानी, बिना बताए बढ़ा दिया किराया - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

उत्तराखंड: यहां बस वालों की चल रही मनमानी, बिना बताए बढ़ा दिया किराया

Reporter Khabar Uttarakhand
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cm pushkar singh dhami

cm pushkar singh dhami

देहरादून: बस ऑपरेटर मनमानी पर उतार आए हैं। ऑपरेटरों ने बिना राज्य परिवहन प्राधिकरण की अनुमति के ही अपनी मर्जी से बसों को किराया बढ़ा दिया है। दून-विकासनगर-डाकपत्थर मार्ग पर बस आपरेटरों के किराया बढ़ाने का परिवहन विभाग ने संज्ञान लिया है। इस मामले में आरटीओ (प्रवर्तन) सुनील शर्मा ने नोटिस जारी कर बस यूनियन से जवाब मांगा है। यूनियन को सोमवार तक नोटिस का जवाब देने एवं अपना पक्ष रखने को कहा गया है। उसके बाद प्रवर्तन की कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

प्रदेश के सबसे बड़े स्टेज कैरिज परमिट से जुड़े मार्ग दून-विकासनगर-डाकपत्थर मार्ग पर किराये में 10 रुपये की बढ़ोतरी के मामले का श्दैनिक जागरणश् ने शनिवार के अंक में पर्दाफाश किया था। बस आपरेटरों ने मनमानी करते हुए यहां खुद ही किराया बढ़ा दिया, जबकि परिवहन प्राधिकरण की ओर से ऐसा कोई आदेश नहीं दिया गया। करीब डेढ़ माह पूर्व जब डीजल की कीमत 98 रुपये प्रति लीटर थी तो बस आपरेटरों ने सरकार को खुद किराया बढ़ाने की चेतावनी दी थी। उनका कहना था कि इस किराये में बस संचालित करना मुश्किल हो रहा।

गत दिनों डीजल की कीमत घटने के बाद अब 88 रुपये प्रति लीटर हो गई, लेकिन इसके बावजूद बस आपरेटर मनमानी कर यात्रियों से खुली लूट कर रहे। दून-डाकपत्थर मार्ग पर करीब 300 निजी बसें संचालित होती हैं और इसमें सर्वाधिक संख्या दैनिक यात्रियों की होती है। जिनमें कर्मचारी, शिक्षक, छात्र व छात्राएं होते हैं। स्थिति यह है कि किराये के बदले इस मार्ग पर टिकट तक नहीं दिया जाता।

निजी बसों में किराया बढ़ने के बाद अब इनका किराया रोडवेज बसों से भी अधिक हो गया है। रोडवेज बस में दून से हरबर्टपुर तक का किराया 50 रुपये है, जबकि निजी बसों में किराया 60 रुपये वसूला जा रहा। दून से विकासनगर का रोडवेज में किराया 55 रुपये जबकि डाकपत्थर का किराया 60 रुपये है, लेकिन निजी बस में विकासनगर के 65 व डाकपत्थर के 70 रुपये वसूले जा रहे। अब परिवहन विभाग ने इसका संज्ञान लेकर संबंधित बस यूनियन को नोटिस भेज जवाब मांगा है।

आरटीओ प्रवर्तन सुनील शर्मा ने कहा, बस आपरेटर सीधा और साफ समझ लें कि किराया बढ़ाने का अधिकार केवल और केवल राज्य परिवहन प्राधिकरण को ही है। प्राधिकरण के आदेश के बिना किराया बढ़ा देना कानून को चुनौती देना है और परिवहन विभाग ऐसा किसी को करने नहीं देगा। इस संबंध में यूनियन को नोटिस भेजा गया है। सोमवार को जवाब मिलने के बाद परिवहन टीमें प्रवर्तन की कार्रवाई करेंगी।

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