Dehradun : उत्तराखंड: इसलिए यूक्रेन पढ़ने जाते हैं छात्र, इतनी सस्ती है मेडिकल की पढ़ाई - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

उत्तराखंड: इसलिए यूक्रेन पढ़ने जाते हैं छात्र, इतनी सस्ती है मेडिकल की पढ़ाई

Reporter Khabar Uttarakhand
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# Uttarakhand Assembly Elections 2022

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देहरादून: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच उत्तराखंड में परिजनों की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। लेकिन, बड़ा सवाल यह है कि आखिर स्टूडेंट्स वहां पड़ने क्यों जाते हैं? यह सवाल हर किसी के मन में उठ रहा है। सबसे बड़ा कारण वहां मेडिकल की पढ़ाई का सस्ता होना है। यूक्रेन में एक साल की मेडिकल की पढ़ाई का खर्चा जहां महज 3.38 लाख रुपये है। जबकि, यही खर्च उत्तराखंड में 18 लाख रुपये है।

इस खर्चे में प्राइवेट मेडिकल कालेजों की ओर से ली जाने वाली डोनेशन की रकम को नहीं जोड़ा गया है। यूक्रेन में सालाना 4500 डालर का खर्चा एमबीबीएस की पढ़ाई में आता है, जो भारतीय रकम के अनुसार 3.38 लाख रुपये बैठता है। इसके अलावा अन्य मदों को जोड़कर सालाना कुल खर्चा पांच से छह लाख रुपये बैठता है।

उत्तराखंड में प्राइवेट मेडिकल कालेजों में मैनेजमेंट कोटे की फीस 18 लाख रुपये सालाना बैठती है। इसमें अगर दूसरे खर्चे भी जोड़ दिए जाएं तो खर्चा करीब 27 लाख रुपये बैठता है। सिक्योरिटी, हॉस्टल खर्च भी शामिल है। सरकारी मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस की सीमित सीटें उपलब्ध होने के कारण मेडिकल के छात्रों को प्राइवेट मेडिकल कालेजों पर निर्भर रहना पड़ता है।

यहां मेडिकल की पढ़ाई बहुत अधिक महंगी होने के कारण मध्यम वर्गीय परिवारों के छात्र पढ़ाई के लिए रूस, यूक्रेन जैसे देशों की ओर रुख कर रहे हैं। रूस और यूक्रेन में छह साल के एमबीबीएस का कुल खर्चा 35 से 40 लाख के करीब आता है। सस्ती मेडिकल एजुकेशन के चलते छात्र उत्तराखंड के साथ ही पूरे देश से पढ़ाई को यूक्रेन जाते हैं।

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