Dehradun : उत्तराखंड : आंकड़े बता रहे हैं गांवों में कोरोना की रफ्तार, ये है जांच का सच - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

उत्तराखंड : आंकड़े बता रहे हैं गांवों में कोरोना की रफ्तार, ये है जांच का सच

Reporter Khabar Uttarakhand
2 Min Read
aaj tak
file photo
aaj tak
file photo

देहरादून: कोरोना के मामले भले ही तेजी से कम हो रहे हों, लेकिन पहाड़ी जिलों में अब भी कोरोना की स्थिति ठीक नहीं है। गांव में सरकार टेस्टिंग का दावा तो कर रही है। लेकिन, जो खबरें गांवों से मिल रही हैं, वह कुछ और ही बता रही है। गांवों में केवल लोगों के एंटीजन टेस्ट किए जा रहे हैं। जबकि सरकार खुद ही यह मानती है कि एंटीजन में निगेटिव आने के बाद भी आरटीपीसीआर में पाॅजिटिव आ सकते हैं।

एक और बड़ी बात यह है कि गांवों में लोग खांसी, जुकाम और बुखार से पीड़ित तो हैं, लेकिन जांच कराने जब टीम गांव पहुंच रही है, तो कुछ ही लोग टेस्ट करा रहे हैं। इस तरह की रिपोर्ट गांवों में टेस्टिंग के लिए जा रही टीमें लगातार दे रही हैं। इससे जांच पर सवाल खड़े हो रहे हैं। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर राज्य के पर्वतीय जिलों में सबसे अधिक कहर बरपा रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार एक मई से 19 मई के बीच नौ पर्वतीय जिलों में 20 हजार से अधिक मामले आए हैं, जो राज्य के कुल मामलों का 27.6 फीसदी है

पहाड़ों में कोरोना से मरने वालों की तादाद भी लगातार बढ़ रही है। इसके लिए सरकार के कुप्रबंधन, पूरा तंत्र नौकरशाही के हवाले छोड़ना और पहाड़ी जिलों में जांच की धीमी गति को जिम्मेदार माना जा रहा है। राज्य में एक मई से 19 मई तक कोरोना से मरने वालों में 19 प्रतिशत मरीज पर्वतीय जिलों के हैं।

एक मई से 10 मई तक राज्य के नौ पर्वतीय जिलों में करीब 20 हजार लोग संक्रमित मिले, जो राज्य के कुल मामलों का 27.6 प्रतिशत हैं। इस हिसाब से राज्य में अब हर चैथा मामला उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों से आ रहा है। पहाड़ों की विषम भौगोलिक स्थिति के कारण एक टीम एक दिन में एक ही गांव में जांच कर पाती है। उस दिन वह चाहकर भी दूसरे गांव में नहीं जा पाती है।

Share This Article