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उत्तराखंड : शिक्षकों को सलाम, सबकुछ बंद था फिर भी पढ़ाना नहीं छोड़ा : मनीष सिसोदिया

Reporter Khabar Uttarakhand
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देेहरादून: दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रिंसिफल कॉन्क्लेव में कहा कि देवभूमि में आकर प्रिंसिफल्स के साथ बात करने का सौभाग्य मिला है। उन्होंने कहा कि देश के लिए व्यक्ति सपना देखता है। लेकिन, जब तक शिक्षा बेहतर नहीं होगी, तब तक सपने साकार नहीं होते।

मनीष सिसोदिया ने कहा कि कल का हिंदुस्तान इस बात पर निर्भर करेगा कि कैसे स्कूल देश में हैं और कैसे नेता देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। कोरोना की वैक्सीन आ जायेगी, लेकिन, छात्रों का जो नुकसान हुआ है। उसकी वैक्सीन नहीं आएगी। प्रिंसिफल को एजुकेशन कैसी देनी है ये एक शिक्षा मंत्री नहीं बता सकता है।

शिक्षकों को ही छात्रों को पढ़ने के मंत्र देने होते हंै। एक नेता के रूप में अभिभावक क्या सोचते हैं, इसको लागूं करने के बारे में शिक्षा मंत्री के रूप में वह सोचते हैं। देशभर और दुनिया के शिक्षकों का धन्यवाद देना चाहता हूं। जिन्होंने लॉकडाउन के बाद सब कुछ बन्द था, तब भी शिक्षकों ने पढ़ाना नहीं छोड़ां

उन्होंने कहा कि जो नुकसान कोविड की वजह से छात्रों का हुआ है। उसकी भरपाई कैसे होगी इसको लेकर सुझाव मांगेगे हैं। नई शिक्षा नीति की उन्होंने तारीफ की। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति बेहतर, लेकिन सभी पहलुओं को लागू किया जाएगा तो और बेहतर होगा। नई शिक्षा नीति में चाइल्ड एजूकेशन को मान्यता दी गयी है। ये बढ़िया बात है। नई शिक्षा नीति में स्किल पर भी फोकस किया गया है जो एक अच्छा पहलू है।

दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर काम हुआ है। इसके लिए घमंड नहीं करते हैं। साथ ही कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में पहले से काम हो रहा है। लेकिन, दिल्ली में हमने प्राथमिकता स्कूलों को बेहतर करने और बेहतर शिक्षा देने के लिए शुरुआत की। पिछले 5 सालों में दिल्ली सरकार 25 प्रतिशत बजट स्कूलों पर खर्च कर रही है। दिल्ली में जिस स्कूल में हम 8 घण्टे बच्चों को शिक्षा देने और शिक्षकों को पढ़ाने बुलाते थे। 5 साल पहले उन स्कूलों में शौचालय तक नहीं थे।

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