Haridwar : उत्तराखंड : बरसता आसमान और कच्ची झोपड़ियों के भीतर बेबस जिंदगियां - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

उत्तराखंड : बरसता आसमान और कच्ची झोपड़ियों के भीतर बेबस जिंदगियां

Reporter Khabar Uttarakhand
2 Min Read
aiims rishikesh

aiims rishikesh

रुड़की: गरीबों के लिए चलाई जा रही योजना के नाम पर करोड़ो रूपये खर्च करने का दावा करने वाली सरकार के सभी दावे खोखले नजर आ रहे है। गरीबों के नाम पर केवल कागजो में खाना पूर्ति कर विभागीय अधिकारी चांदी काट रहे हैं और पीड़ित गरीब सरकारी मशीनरी से उम्मीद की आस लगाए हुए बैठे हैं।

मंगलौर नगर पालिका परिषद में अभी भी ऐसे लोगों के घर मौजूद हैं, जिनके सर पर पक्की छत मयस्सर नहीं है। मंगलौर कस्बे में ही रहने वाले कई गरीब मजदूर परिवार अभी भी कच्चे घरों में अपना जीवन व्यापन कर रहे है। इन दो दिनों की बरसात से मकान की कच्ची छत भी ढह गई। पीड़ित मजदूर सारी रात पन्नी की तिरपाल लगाकर अपने बच्चो को बारिश से बचाता रहा।

ऐसी तस्वीरें मन को विचलित कर देनी वाली हैं। क्योकि नगर पालिका को हर साल करोड़ांे रुपये का बजट दिया जाता है, ताकि उन बेसहारा लोगों को इंदिरा आवास की योजना मिल सके। लेकिन, जरूरतमंदों के लिए सरकारी योजनाओं का कोई सरोकार नहीं। पीड़ित मजदूर पक्की छत के लिए सरकारी दफ्तरो के चक्कर काटकर सरकारी योजनाओं का लाभ लेने की आस में बैठे हुए हैं।

लेकिन, जिम्मेदार विभाग आंखे मूंद कर बैठा हुआ है। ऐसी इस्थिति में उन सभी गरीबी रेखा से नीचे जीवन व्यापन करने वाले लोगों का सरकार से ही भरोसा उठ गया है। जबकि नगर पालिका ईओ अजहर अली ने बताया कि जल्द ही इन सभी को योजनाओ के तहत पक्के मकान आवंटित किए जाएंगे। सवाल यह है कि हर बार भरोसा देने के आखिर इन लोगों को पक्के मकान क्यों नहीं मिल पा रहे हैं।

Share This Article