Big News : उत्तराखंड : सियासी चर्चाओं ने पकड़ा जोर, क्या होगा हरक का अगला कदम ? - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

उत्तराखंड : सियासी चर्चाओं ने पकड़ा जोर, क्या होगा हरक का अगला कदम ?

Reporter Khabar Uttarakhand
5 Min Read
Breaking uttarakhand news

Breaking uttarakhand news

 

 

देहरादून : हरक सिंह रावत। उत्तराखंड की सियासत के बड़े चेहरों में शामिल हरक सिंह रावत के अचानक चुनाव नहीं लड़ने के ऐलान से हर कोई हैरान है। इसकी असल वजह तो हरक को ही पता होगी, लेकिन उनके ऐलान ने सबको चौंका दिया है। सियासत के माहिर खिलाड़ी हरक सिंह यूं ही कोई बयान नहीं देते। उन्होंने बयान दिया है, तो जरूर उसकी वजह भी बड़ी रही होगी। बहरहाल, हरक सिंह रावत के ऐलान के बाद सियासी तूफान खड़ा हो गया है। इस तूफान में कौन-कौन उड़ेगा ये तो वक्त ही बताएगा, लेकिन इतना तय है कि हरक ने कुछ बड़ा ही सोचा होगा ?

सियासी चर्चाएं भी जोर पकड़ने लगी हैं

भाजपा 2022 के चुनाव की तैयारी में जुटी है। हरक सिंह रावत ने अपनी अब तक की सियासी पारी में जिस भी विधानसभा सीट से ताल ठोकी, उसे ही अपना बना लिया। हरक के चुनाव नहीं लड़ने के ऐलान से कितना फर्क पड़ेगा, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन, चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान करने के साथ कई सियासी चर्चाएं भी जोर पकड़ने लगी हैं। इन चर्चाओं को हर कोई अपने-अपने राज-रागों में रंगने को तैयार है।

बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटा दिया

आजकल जिन बातों की सबसे ज्यादा चर्चा है। उस पर ही बात करते हैं। दरअसल, हरक सिंह रावत श्रम मंत्री हैं। कुछ दिनों पहले मजदूरों के लिए आई साइकिलें आम आदमी पार्टी की ओर से बांटे जाने का आरोप लगा। ‘आप’ की टोपियां बांटने की बातें भी सामने आई। इस बीच जो सबसे बड़ी और चौंकाने वाली बात थी, वो यह थी कि हरक सिंह रावत को अचानक उन्हीं के मंत्रालय के अधीन श्रमिक कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया।

2022 के लिए अभी से विकल्प

इन सब बातों के सामने आने के बाद यह माना जा रहा है कि हरक सिंह रावत 2022 के लिए अभी से विकल्प तलाश रहे हैं। उनके चुनाव नहीं लड़ने के ऐलान के पीछे सियासत में अपनी दूसरी पीढ़ी को लाॅन्च करने की योजना को भी कारण माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि हरक सिंह रावत खुद तो चुनावी मैदान में नहीं उतरेंगे, लेकिन वो अपनी बहू को मैदान में उतार कर अपनी सियासी विरासत को आगे बढ़ाने पर फोकस कर रहे हैं।

आम आदमी पार्टी में शामिल हो सकते हैं

यह भी माना जा रहा है कि हरक सिंह रावत खुद भी आम आदमी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। हरक सिंह रावत सियासत के माहिर खिलाड़ी हैं। ऐसे में वो इतनी आसानी से और यूं ही चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कैसे कर सकते हैं ? यह सवाल भी सियासी गलियारों में तैर रहे हैं। हालांकि असल बात के लिए कुछ दिन को इंतजार करना होगा, लेकिन इतना तय मानिए कि हरक के जाने से भाजपा को बड़ा फर्क जरूर पड़ने वाला है।

हरक सिंह रावत को सीएम त्रिवेंद्र रावत

एक ओर महत्वूपर्ण बात यह है कि हरक सिंह रावत को सीएम त्रिवेंद्र रावत और अधिकारी लगातार अनदेखा करते आ रहे हैं। इससे से भी हरक सिंह रावत नाराज बताए जा रहे हैं। सियासत में नाराजगी को जताने के तरीकों के लिए भी हरक सिंह रावत जाने जाते हैं। एनडी तिवाड़ी सरकार से लेकर हरीश रावत सरकार तक हर कोई हरक के हथकंड़ों वाकिफ हैं। इसलिए सभी को फिलहाल इस मामले वेट-एंड-वाच की स्थिति में ही रहना होगा।

                                                                                                                                       -प्रदीप रावत (रवांल्टा)

Share This Article