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उत्तराखंड : शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट की दूसरी बरसी आज, मातम में बदली थी शादी की खुशियां, पिता की सरकार से मांग

Reporter Khabar Uttarakhand
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CHITRESH BISHT

देहरादून : पुलवामा हमले के ठीक दो दिन बाद आईईडी डिफ्यूज करते समय जम्मू कश्मीर के रजौरी में उत्तराखंड के लाल मेजर चित्रेश बिष्ट शहीद हो गए थे। आज 16 फरवरी के दिन उत्तराखंड सहित देश के लिए बुरी खबर आई थी। आज ही के दिन  देहरादून निवासी मेजर चित्रेश बिष्ट शहीद हो गए थे। वहीं आज उनकी दूसरी बरसी है। शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट की दूसरी बरसी पर मसूरी विधायक गणेश जोशी ने चित्रेश बिष्ट के घर जाकर उनकी प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि दी और चित्रेश बिष्ट की शहादत को हमेशा याद रखे जाने की बात कही। तो वहीं चित्रेश बिष्ट के पिता ने कहा कि उन्हें अपने बेटे की शहादत पर हमेशा गर्व रहेगा।

शहीदे मेजर के पिता की सरकार से मांग

इस दौरान मीडिया से बात करते हुए शहीद मेजर चित्रेष्ट बिष्ट के पिता ने सरकार से भूमि की मांग की जिसमे वो बच्चों गरीब बच्चों के लिए अपने बेटे चित्रेश बिष्ट के नाम से स्कूल बनवाएंगे और गरीब बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देंगे। वीं शहीद मेजर के पिता एसएस बिष्ट ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे के नाम पर 11-11 गरीब बच्चों को 10-10 हजार की छात्रवृत्ति प्रदान की है। इसमे 11 बच्चे अल्मोड़ा और 11 देहरादून के हैं। बता दें कि शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट के पिता का सपना है कि वो बच्चों को सेना के लिए तैयार करें। इसके लिए उनकी मुख्यमंत्री से भी बात हुई थी। उनका कहना है कि अगर सरकार इसमें मदद करती है और कोई ऐसा इंतजाम करती है तो वह उसमें निशुल्क कोचिंग देने को तैयार हैं।

CHITRESH BISHT

आपको बता दें कि शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट दून के ओल्ड नेहरू कॉलोनी के रहने वाले थे। पिछले वर्ष 16 फरवरी को राजौरी के नौसेरा सेक्टर में हुए आईईडी ब्लास्ट में वह शहीद हो गए थे। आतंकियों ने एलओसी क्रॉस कर यहां पर ई-प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस लगाया हुआ था। सूचना मिलने पर सैन्य टुकड़ी ने इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया। वह इंजीनियरिंग कोर में तैनात थे और उन्हें आईईडी डिफ्यूज्ड करने में महारत हासिल थी, लेकिन इसी बीच आईईडी ब्लास्ट होने से वह शहीद हो गए।

मूलरूप से अल्मोड़ा जिले केरानीखेत तहसील के अंतर्गत पिपली गांव के रहने वाले मेजर चित्रेश बिष्ट का परिवार देहरादून के ओल्ड नेहरू कॉलोनी में रहता है। उनके पिता सुरेंद्र सिंह बिष्ट उत्तराखंड पुलिस से इंस्पेक्टर पद से रिटायर हैं। सरहद पर शहादत के दौरान मेजर चित्रेश की उम्र 28 साल की थी। 7 मार्च को मेजर की शादी थी लेकिन कुछ दिन पहले ही शहादत की खबर आ गई। पिता शादी का कार्ड बांटने में व्यस्त थे और मां शादी की तैयारी में थी लेकिन इस बीच बेटे की शहादत की खबर सामने आई। भारतीय सैन्य अकादमी से सैन्य प्रशिक्षण पूरा कर वह वर्ष 2010 में पास आउट हुए थे।

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