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उत्तराखंड : आदेश जारी होने के 4 दिन बाद भी IAS दीपक रावत ने नहीं किया कार्यभार ग्रहण…पढ़िए

Reporter Khabar Uttarakhand
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cabinet minister harak singh rawat

cabinet minister harak singh rawat

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीते 4-5 दिन पहले राज्य की अफसरशाही में बड़ा फेरबदल किया था। सीएम धामी ने कई वरिष्ठ अफसरों का तबादला किया था जिसमे आईएएस सौजन्या से लेकर मीनाक्षी सुंदरम और देहरादून के डीएम से लेकर दीपक रावत भी शामिल थे। शासन द्वारा सौंपी गई जिम्मेदारियों को अफसरों से संभाला और अपनी पदभार ग्रहण किया तो वहीं एक अफसर ऐसे हैं जिन्होंने अब तक अपना कार्यभार नहीं संभाला है। जिम्मेदारी तय किए आज 4 दिन हो गए हैं लेकिन आईएएस दीपक रावत ने अपनी नई जिम्मेदारी और अपने नई दायित्वों को नहीं संभाला जिससे चर्चाओं का बाजार गर्म है। इससे शासन की कार्यप्रणाली पर कई सवाल उठाए जा रहे हैं। इस मामले में हरक सिंह रावत को लेकर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं।

आईएएस अधिकारी दीपक रावत ने नहीं किया कार्यभार ग्रहण

जी हां बता दें कि 19 जुलाई को चर्चित आईएएस अधिकारी दीपक रावत को ऊर्जा निगमों में प्रबंध निदेशक के तौर पर नियुक्त किया गया था लेकिन सरकार द्वारा आदेश जारी होने के 4 दिन बाद भी उन्होंने अब तक प्रबंध निदेशक पद पर ज्वॉइनिंग नहीं की है जिससे एक बार फिर से सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या अफसर सरकार से बड़े हो चले हैं जो सरकार के आदेश की धज्जियां उड़ा रहे हैं। क्या अफसरशाही एक बार फिर से बेलगाम हो चली है?

इस पद को संभालना नहीं चाहते दीपक रावत

खबर है कि आइएएस दीपक रावत इस पद को संभालना नहीं चाहते हैं। दीपक रावत के कार्यभार ना संभालने के बाद यूपीसीएल पर्टिकुलर उरेडा में प्रबंध निदेशक पद पर किसी नए चेहरे को लेकर तलाश शुरू कर दी गई है। आईएएस अधिकारियों की तबादला सूची जारी होने के बाद ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत की नाराजगी खबरें भी चर्चाओं में रही। हरक सिंह रावत ना केवल ऊर्जा विभाग में सौजन्य को लाए जाने से नाराज बताए जा रहे हैं बल्कि प्रबंध निदेशक के तौर पर दीपक रावत की नियुक्ति भी उनकी नाराजगी की वजह मानी गई है। खब है कि हरक सिंह रावत नहीं चाहते हैं कि दीपक रावत ये जिम्मेदारी निभाएं। सवाल किए जा रहे हैं क्या हरक सिंह रावत ने दीपक रावत को कार्य भार ग्रहण ना करने को कहा है? या फिर मामला कुछ ओर हैं।

खबर है कि दीपक रावत इस पद को संभालना नहीं चाहते हैं और एमडी पद पर हरक सिंह रावत विभागीय अधिकारियों में से किसी को लाना चाहते हैं इसलिए उनकी नाराजगी बनी हुई थी। वहीं खबर है कि दीपक रावत के आदेश जारी होने के 4 दिन बाद कार्यभार ना संभालने के बाद इस पद के लिए नए एमडी की तलाश शुरु कर दी गई है। सवाल ये उठता है कि आखिर चल क्या रहा है। तबादले से एक ओर मंत्री नाराज हैं तो दूसरी और अधिकारी पद संभालना नहीं चाहते हैं? ऐसे में राज्य कैसे चलेगा और विकास कैसे होगा?

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