देहरादून: पूर्व CM हरीश रावत किसी ना किसी कारण से चर्चाओं में बने रहते हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत मसूरी में चाय पर चर्चा कार्यक्रम में पहुंचे थे। इस दौरान हरीश रावत ने एक मिष्ठान भंडार पर पहुंचकर जलेबी बनाई। उनको जलेबी बनाते देख लो हैरान रह गए। कार्यक्रम में बाद उन्होंने पत्रकार वार्ता में कहा कि ग्रामीणों पर लाठीचार्ज की घटना बेहद दुखद है। मुख्यमंत्री ने लोगों को आंदोलनजीबी कहकर महिलाओं और गैरसैंण की धरती का अपमान किया है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को घाट जाकर माफी मांगकर सड़क निर्माण कार्य शुरू कर प्रायश्चित करना चाहिए। कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री ने युवा मैराथन धावक संचित और उनके पिता को सम्मानित भी किया। उन्होंने कहा कि तेल-गैस के दाम हर दिन बढ़ रहे है, लेकिन सरकार महंगाई को रोकने में नाकाम साबित हुई है। पूर्व सीएम ने कहा कि वित्तीय प्रबंधन छिपाने के लिए एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर केंद्र सरकार अपना खजाना भरने का काम कर रही है और गरीबों की कमर तोड़ रही है।
उन्होंने अपील की कि महंगाई को लेकर कार्यकर्ता सड़क पर उतरें और केन्द्र और राज्य सरकार की गलत नीतियों का विरोध करें। पत्रकारों से बात करते हुए हरीश रावत ने उत्तराखंड के बजट को ख्याली पुलाव बताया। उन्होंने कहा कि इस बजट से किसी को कोई फायदा नहीं होने वाला। गैरसैंण कमिश्नरी पर कहा कि गैरसैंण को सरकार ने पहले ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया, लेकिन एक भी दिन मुख्यमंत्री और मंत्री वहीं नहीं बैठे।