देहरादून। शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डये ने विधानसभा में राजकीय शिक्षक संगठन के साथ बैठक की और उनकी कई मांगों को माना जिससे संगठन में खुशी का माहौल है। बता दें कि शिक्षा संगठन की सबसे बड़ी मांग 2005 में चयनित शिक्षक के पेंशन की मांग को पूरा किया गया है। जिनका चयन 2005 में हो गया था, लेकिन वह कोटद्वार उपचुनाव की वजह से 31 अक्टूबर से पहले ज्वॉइन नहीं कर पाए, जिस वजह से शिक्षा विभाग ने करीब 400 से ज्यादा शिक्षक को पेंशन का पात्र नहीं माना था, जबकि 2005 में 31 अक्टूबर से पहले एक साथ ज्वॉइन करने वाले शिक्षकों को पेंशन का लाभ दिया गया। ऐसे में जो शिक्षक मात्र कोटद्वार उपचुनाव की वजह सेे पेंशन के दायरे में नहीं आ रहे थे। वह हाईकोर्ट में गए और सिंगल बेंच और डबल बेंच में मामले में जीत हासिल की लेकिन शिक्षा विभाग एक साथ चयनित हुए उन शिक्षकों को पेंशन का लाभ देने के पक्ष में नहीं था। जिन्होंने 31 अक्टूबर के बाद इसीलिए ज्वाॉइन किया क्योंकि वह उपचुनाव के चलते ज्वॉइन नहीं कर पाएं। 400 शिक्षकों को जब पेंशन देने के पक्ष में शिक्षा विभाग नहीं था तो विभाग हाईकार्ट में मामला हारने के बाद सुप्रीम कोर्ट में चला गया जहां अभी सुनवाई चल रही है।
शिक्षा मंत्री ने दिए निर्देश
सालों से चली आ रही शिक्षकों की इस मांग को शिक्षा मंत्री ने पूरा कर दिया है। शिक्षा मंत्री ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए हैं कि वित्त विभाग से इस मामले पर परामर्श लेने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई अपनी याचिका वापस लें और शिक्षकों को पेंशन का लाभ दें।