Big News : उत्तराखंड : मरीज की जान बचाने के लिए डाॅक्टरों ने दांव पर लगा दी खुद की जान - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

उत्तराखंड : मरीज की जान बचाने के लिए डाॅक्टरों ने दांव पर लगा दी खुद की जान

Reporter Khabar Uttarakhand
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पिथौरागढ़: सड़क चौड़ीकरण कर रही निर्माण एजेंसी की लापरवाही और सुस्त चाल लोगों पर भारी पड़ रही है। गुरना के पास चौड़ीकरण के काम के चलते पिथौरागढ़-घाट सड़क के बंद हो है। इसके चलते पैरालिसिस का मरीज करीब पांच घंटे तक सड़क पर ही तड़पता रहा। परिजन कार्यदायी संस्था से सड़क खोलने की गुहार लगाते रहे लेकिन निर्माण एजेंसी ने मलबा ज्यादा होने से सड़क जल्द खोलने से मना कर दिया। मजबूरन लोगों ने जान हथेली पर रखकर मरीज को आगे ले जाने का फैसला किया।

बाद में परिजनों ने सीएमओ से संपर्क किया तब जाकरएंबुलेंस और डॉक्टरों की टीम को मौके के लिए रवाना किया गया। करीब आधा किमी पैदल चलकर डॉक्टरों ने सड़क किनारे ही मरीज का इलाज किया। परिजनों और डाॅक्टरों की टीम ने पहाड़ी से गिर रहे पत्थरों के बीच मरीज को चादर में लपेट कर आधा किमी दूर खड़ी एंबुलेंस तक पहुंचाया। इसके बाद मरीज को जिला अस्पताल पहुंचाया गया।

गंगोलीहाट कोठेरा निवासी गोपाल राम को पैरालिसिस अटैक पड़ने के बाद पिथौरागढ़ जिला अस्पताल रेफर किया गया था। परिजन उसे निजी कार से जिला अस्पताल लेकर आ रहे थे। कटिंग के कारण गुरना मंदिर के पास सड़क बंद हो गई। कार्यदायी संस्था से सड़क खोलने का आग्रह किया, लेकिन उन्होंने सुबह आठ से ढाई बजे तक सड़क बंद रखने के आदेश का हवाला देते हुए सड़क को खोलने से इनकार कर दिया।

सीएमओ डॉ. हरीश पंत ने खुद कार्यदायी संस्था को फोन कर सड़क खोलने के लिए कहा, लेकिन सड़क पर मलबा अधिक होने के कारण सड़क नहीं खुल पाई। मरीज की तबीयत बिगड़ते देख सीएमओ ने डॉ. मोहम्मद इमरान, डॉ. सुभाषनी, स्टाफ नर्स नीलम सिंह और एंबुलेंस चालक दीपक बिष्ट को मौके के लिए रवाना किया। डाॅक्टरों की टीम पहाड़ी से गिर रहे पत्थरों के बीच जान-जोखिम में डालकर करीब आधा किमी पैदल चलने के बाद मरीज तक पहुंची।

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