देहरादून : उत्तराखंड में ऑनलाइन ठगी और साइबरों ठगों का जाल फैलता जा रहा है। साइबर ठग कई मासूम लोगों को ठग चुके हैं औऱ कइय़ों की मेहनत की कमाई को इधर उधर से बैठे हड़प गए हैं। इतना ही नहीं साइबर ठग पहले आम जनता को ठग रहे थे जिन्हें बैंक खाते संबंधित इतनी जानकारी नहीं थी लेकिन अब ठग पढ़े लिखे और शासन की कुर्सी पर बैठे सीनियर अधिकारियों को अपना निशाना बना रहे हैं।
इस आईएएस को बनाया निशाना
जी हां मामला देहरादून के सीनियर आइएएस औऱ नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय का है जिन्होंने असली फेसबुक अकाउंट पर एक जानकारी साझा की है और अपने दोस्तो, रिश्तेदारों से अपील करते हुए उन्हें आगाह किया है। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि अगर उनके नाम से फेसबुक पर कोई फ्रेंड रिक्वेस्ट आती है या पैसों मांगे जाते हैं तो वो किसी के झांसे में न आएं। साथ ही आईएएस ने साइबर पुलिस को इसकी सूचना दी।
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
दरअसल आईएएस विनय शंकर पांडे को रविवार शाम एक दोस्त ने फोन कर पूछा कि उन्होंने कोई नया फेसबुक अकाउंट बनाया है, जिससे दोस्तों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी जा रही। आइएएस पांडेय हैरान रह गए। उन्होंने नई आईडी बनाने से इनकार किया। आईएएस ने फेसबुक पर देखा तो सच में उनके नाम से फेसबुक अकाउंट बनाया गया था जिसमें उनकी फोटो लगाई गई थी। उन्होंने तुरंत अपने असली फेसबुक अकाउंट पर एक चेतावनी मैसेज पोस्ट किया। साइबर पुलिस ने मामले की तुरंत जांच की और रात करीब 8.30 बजे बताया कि उनका फर्जी फेसबुक अकाउंट ब्लॉक करा दिया गया। आइएएस पांडेय ने बताया कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से फेसबुक अथॉरिटी को भी संपर्क कर शिकायत की थी।
यहां-यहां किया गया अधिकारियों को टारगेट
आपको बता दें कि इससे पहले भी उत्तराखंड में कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जिसमे साइबर ठग द्वारा फेक आईडी बनाकर उनके रिश्तेदारों दोस्तों को रिक्वेस्ट भेजकर पैसे मांगे जा रहे हैं। कई थानों में इशकी शिकायत की गई है। इसमे आम जनता से लेकिन पुलिस अधिकारी भी पीड़ित हैं। वहीं अब आईएएस को निशाना बनाया गया है। बीते दिनों ऋषिकेश एआरटीओ के नाम से एक संदेश फेसबुक पर मित्रों को भेजा व रुपयों की मदद की मांग की गई। वहीं पिछले महीने रुड़की में एसडीएम के नाम से ऐसे ही फर्जी आईडी बनाकर पैसे मांगे गए थे।