Dehradun : उत्तराखंड : मुख्य सचिव के निर्देश, बालिकाओं के ड्रॉप आउट होने के कारणों का लगाएं पता - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

उत्तराखंड : मुख्य सचिव के निर्देश, बालिकाओं के ड्रॉप आउट होने के कारणों का लगाएं पता

Reporter Khabar Uttarakhand
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देहरादूनर : मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में सचिवालय में महिला सशक्त्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की राज्य स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक आयोजित की गई। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन जनपदों में जन्म के समय लिंगानुपात में कमी देखी गयी है, उन जनपदों को फोकस करते हुए गहन मॉनिटरिंग की जाए।

उन्होंने निर्देश दिए कि मदर चाईल्ड ट्रेकिंग सिस्टम (MCTS) में सक्रिय भागीदारी निभाते हुए, गर्भवती महिला की प्रथम, द्वितीय और तृतीय तिमाही की जांच अवश्य करायी जाए। उन्होंने कहा कि द्वितीय तिमाही जाँच बहुत ही महत्त्वपूर्ण होती है। ऐसे समयावधि में गर्भपात होना अथवा जाँच न कराया जाना संदिग्ध होता है। यदि गर्भपात हुआ है तो इसके कारणों की भी जाँच की जानी चाहिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि लिंगानुपात में सुधार के लिए प्रोएक्टिव होकर काम करना होगा। इससे सम्बन्धित सभी विभागों को आपस में समन्वय बनाकर कार्य करना होगा। उन्होंने महिलाओं में आयरन की कमी और कुपोषण के साथ ही, मातृ मृत्यु दर को कम किए जाने हेतु लगातार प्रयास किए जाने की बात कही।

मुख्य सचिव ने वन स्टॉप सेंटर को और अधिक सक्रिय किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वन स्टॉप सेंटर में पंजीकृत केसों में से कितनों में चार्जशीट दाखिल हुयी, कितनों में सजा हुयी इसका भी ब्यौरा दिया जाना चाहिए। मुख्य सचिव ने कहा कि ड्रॉप आउट बालिकाओं के ड्रॉप आउट करने के कारणों को जानकर उनके निराकरण के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि ड्रॉप आउट करने वाले बच्चों में अधिकतर प्रवासी और मजदूरों के बच्चे होते हैं, ऐसे में उनके लिए नोन-फार्मल एजुकेशन पर विचार किया जा सकता है।

बैठक में बताया गया कि राज्य में जन्म के समय लिंगानुपात वर्ष 2018-19 में 938 बालिका प्रति हजार बालक था जो अब बढ़कर 949 बालिका प्रति हजार बालक हो गया है। जन्म के समय लिंगानुपात की दृष्टि से उत्तराखण्ड, देश के टॉप 10 राज्यों में शामिल है और राज्य के 05 जनपद बागेश्वर, अल्मोड़ा, चम्पावत, देहरादून एवं उत्तरकाशी देश के टॉप 50 जनपदों में शामिल हैं। बताया गया कि चमोली, नैनीताल एवं पिथोरागढ़ में लिंगानुपात में गिरावट आयी है।

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