Assembly Elections : उत्तराखंड: हो जाएं सावधान, अब ये नेता वहां नहीं, जहां पहले थे...VIDEO - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

उत्तराखंड: हो जाएं सावधान, अब ये नेता वहां नहीं, जहां पहले थे…VIDEO

Reporter Khabar Uttarakhand
5 Min Read
# Uttarakhand Assembly Elections 2022

देहरादून: राजनीति अब विचारधारा कम और अवसरों की ज्यादा हो गई है। नेता अब विचारधारा छोड़ने में कोई गुरेज नहीं करते। उनको जहां जितना बड़ा मौका मिलता है, वो उस मौके को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते। यानी दल बदलना अब आम बात हो गई है। उत्तराखंड में वैसे को दलबदल नया खेल नहीं है, लेकिन इस बार चुनाव से पहले कुछ नेता इधर-उधर हो गए हैं। जनता कन्फ्यूज है कि कौन किसके साथ है। आइए हम आपको बताते हैं कि कौन नेता अब किस दल में हैं।

चुनाव से पहले दलबदल की राजनीति एक आम सी बात होती है। लेकिन, इस विधानसभा चुनाव में कई नेता ऐसे रहे जो कभी खुद को पार्टी के सचे सिपाही कहा करते थे, उन्हांेने अपनी पार्टियों का साथ छोड़ दूसरे दलों का दामन थाम लिया। चुनाव की आहट आते ही अवसरवाद की राजनीति फिर दिखने लगी और अपनी ही पार्टी के लिए विचारधारा बदल गई।

सबसे पहले यशपाल आर्य और संजीव आर्य ने भाजपा छोड़ कांग्रेस का दामन थामा। अक्टूबर में बीजेपी नेता यशपाल आर्य और नैनीताल से उनके विधायक बेटे संजीव आर्य ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी। 2017 में कांग्रेस से नाराज होकर वो बीजेपी में शामिल हुए थे।

हरक सिंह रावत भी बीजेपी सरकार से बर्खास्त होने के बाद उन्हांेने फिर से कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। हरक सिंह रावत उन 9 विधायकों में शामिल थे, जिन्होंने साल 2016 में हरीश रावत की सरकार से पाला बदलकर सरकार को खतरे में डाल दिया था। हरक भाजपा में शामिल हो गए थे, लेकिन अब एक बाद फिर कांग्रेसी हो गए हैं।

टिहरी से भाजपा के दो बार के विधायक रहे धन सिंह नेगी ने भी बीजेपी छोड़ कांग्रेस ज्वाइन कर ली है। बीजेपी नेता और नरेंद्रनगर के पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत भी भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। कांग्रेस में शामिल होते ही ओम गोपाल रावत को कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर नरेंद्रनगर सीट टिकट दिया गया है।

कांग्रेस से 6 साल के लिए निष्कासित हुए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय भी भाजपा में शामिल हो गए हैं। किशोर उपाध्याय 40 साल तक कांग्रेस से जुड़े रहे। महिला कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष सरिता आर्य ने भी भाजपा का दामन थाम लिया है। कांग्रेस ने सरिता आर्य को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। भाजपा प्रत्याशी के तौर पर सरिता आर्य को नैनीताल सीट से टिकट मिला है।

पुरोला से कांग्रेस विधायक राजकुमार बीजेपी में शामिल हुए हैं। 2017 में वह बीजेपी में थे। 2012 में निर्दलीय लड़े और 2017 में कांग्रेस में शामिल हो गए थे। कांग्रेस नेता और झबरेड़ा विधानसभा से दो बार कांग्रेस के दावेदार रहे राजपाल ने भी भाजपा ज्वाइन कर ली है, जिसके बाद उन्हें भाजपा प्रत्याशी के तौर पर झबरेड़ा विधानसभा से टिकट मिला है।

भीमताल से निर्दलीय विधायक राम सिंह केड़ा भी भाजपा में शामिल हो गए है। जिसके बाद बीजेपी ने राम सिंह कैड़ा को भीमताल सीट से ही मैदान में उतारा है। यूकेडी नेता और पूर्व मंत्री प्रीतम पंवार ने भी भाजपा का दामन थाम लिया है। अब उनको धनोल्टी से मैदान में उतारा गया है।

पुरोला से बीजेपी के पूर्व विधायक मालचंद कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। कांग्रेस ने मालचंद को पुरोला विधानसभा सीट से टिकट दिया है।

कांग्रेस नेता दुर्गेश्वर लाल ने भी भाजपा का हाथ थाम लिया। पार्टी ने उन्हें भाजपा प्रत्याशी के तौर पर पुरोला विधानसभा सीट से मैदान में उतारा है। ये वो सभी नेता जिन्होंने हाल फिलहाल में ही पार्टी छोड़ी है और दूसरे दलों का दामन थामा है। दलबदल का सिलसिया अभी जारी है। अब देखना ये होगा कि इन बागी नेताओं का पार्टियों को फायदा मिलेगा या नहीं।

Share This Article