Chamoli : उत्तराखंड : 15 दिन पहले बह गई थी सड़क, किसी ने नहीं ली सुध, देखें डरावनी तस्वीरें - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

उत्तराखंड : 15 दिन पहले बह गई थी सड़क, किसी ने नहीं ली सुध, देखें डरावनी तस्वीरें

Reporter Khabar Uttarakhand
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aiims rishikesh

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चमोली: करीब 15 दिन पहले अतिवृष्टि से पीपलकोटी के लुदाऊं में पेयजल लाइन पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। लुदांऊ गदेरे में बादल फटने से 200 मीटर मोटर मार्ग भी पूरी तरह बह गयी थी। इसके चलते ग्राम पंचायत के दो गांवों की आवाजाही पूरी तरह बाधित हुई है। ग्रामीण और स्कूली छात्र-छात्राएं जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने को मजबूर हैं। ग्राम प्रधान द्वारा इसकी सूचना शासन-प्रशासन को दी गई थी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जिससे ग्रामीणों में शासन-प्रशासन के खिलाफ आक्रोश बना हुआ है।

दरअसल, दशोली ब्लाक का दूरस्थ गांव स्यूंण में पिछले माह 31 जुलाई को भारी बारिश होने से मोटर मार्ग लुदांऊ गदेरे में बादल फटने से 200 मीटर मोटर मार्ग बह गया था। जिससे क्षेत्र की आवाजाही बंद हो गई। भारी बारिश के कारण ग्रामीणों की 100 नाली से अधिक काश्तकारी भूमि पूरी तरह नष्ट हो गई है। आपदा से ग्रामीणों की दो गौशाला भी भूस्खलन की जद में आ गई। वहीं, पंचायत का लुदांऊ गांव में भारी बारिश से पेयजल लाइन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। जिससे ग्रामीणों को नालों के पानी से प्यास बुझानी पड़ रही है। लुदांऊ गधेरे में बादल फटने से 200 मीटर सड़क बह गई है। गधेरे पर बना पैदल लकड़ी का पुल भी बह गया है। विद्यार्थियों को कई बार तो गधेरा उफान पर होने के चलते हमें वापस घर लौटना पड़ता है।

ग्राम प्रधान मनोरमा देवी ने बताया कि उन्होंने इसके लिए शासन-प्रशासन को ज्ञापन भेजा दिया था। जिलाधिकारी चमोली को भी पत्र दिया गया है। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जिससे ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाओं के लिए जान जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही है। साथ ही स्कूल छात्र-छात्राओं को भी गदेरा पारकर विद्यालय जाना पड़ रहा है।

गदेरे में कभी भी बड़ी अनहोनी होने की आशंका बनी हुई है। प्रशासन को कम से कम पैदल आवाजाही के लिए गदेरे पर अस्थाई लकड़ी पुल की व्यवस्था करनी चाहिए। क्षेत्रीय विधायक द्वारा भी इसका कोई संज्ञान नहीं लिया गया है जिसके चलते वे कार्यक्रमों में व्यस्त हैं लेकिन उन्होंने एक बार भी ग्रामीणों की सुध नहीं ली है जिससे लोगों में आक्रोश है। माननीय कार्यक्रमों से समय निकालकर जनता की भी सुध लें।

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