Big News : हेलंग-मारवाड़ी बाईपास पर मचा घमासान, पैनखंडा में मिला समर्थन तो जोशीमठ में विरोध - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

हेलंग-मारवाड़ी बाईपास पर मचा घमासान, पैनखंडा में मिला समर्थन तो जोशीमठ में विरोध

Yogita Bisht
3 Min Read
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Helang Marwadi bypaas

 

चमोली :  जोशीमठ में हेलंग-मारवाड़ी बाईपास पर घमासान मच गया है। जहां एक ओर कुछ लोग बाईपास निर्माण के समर्थन में हैं तो वहीं दूसरी ओर लोग इसका विरोध कर रहे हैं। वहीं केंद्र सरकार ने जोशीमठ में आपदा प्रभावित इलाकों में डाटा एकत्रित करने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स की एक टीम को भेज दिया है।

जोशीमठ में भू-धंसाव को बाद से स्थितियां काफी गंभीर हो गई हैं। सड़कों को भी नुकसान हुआ है। ऐसे में इन सड़कों से आवागमन नुकसानदेह साबित हो सकता है। इसलिए सरकार चारधाम यात्रा को सुचारू रूप से चलाने के लिए हेलंग-मारवाड़ी बाईपास के निर्माण पर जोर दे रही है। ताकि यात्रियों को दिक्कतों का सामने ना करना पड़े। लेकिन अब इस बाईपास पर घमासान मच गया है। हेलंग-मारवाड़ी बाईपास के निर्माण पर समर्थन और विरोध दोनों देखने को मिल रहा है।

जोशीमठ में विरोध तो पैनखंडा में समर्थन

हेलंग-मारवाड़ी बाईपास के निर्माण पर जोशीमठ के लोग विरोध कर रहे हैं। जबकि जोशीमठ के पैनखंडा में लोग इसका समर्थन कर रहे हैं।  लोगों का कहना है कि अप्रैल से चारधाम यात्रा भी शुरू हो जाएगी। इस यात्रा पर पहाड़ की एक बड़ी आबादी निर्भर रहती है। लेकिन जोशीमठ हाइवे पर जगह-जगह दरारें आने से और हाइवे के धंसने से वाहनों के आवागमन में खतरा हो सकता है। चारधाम यात्रा पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए जब तक जोशीमठ हाइवे की स्थिति ठीक नहीं हो जाती तब तक हेलंग-मारवाड़ी बाईपास को बनाया जाए। ताकि चारधाम यात्रा बिना किसी समस्या के चलते रहे। लोगों का कहना है कि यह बाईपास इस क्षेत्र और बद्रीनाथ के लिए लाइफलाइन का काम करेगा। स्थानीय लोगों ने हेलंग-मारवाड़ी बाईपास के निर्माण के लिए सीएम धामी को ज्ञापन भेज दिया है। उन्होंने जल्द से जल्द इस बाईपास के निर्माण की मांग की है।

जोशीमठ पहुंची केंद्र सरकार की रैपिड एक्शन फोर्स की टीम

जोशीमठ में भू-धंसाव को बाद हुए नुकसान का आकलन करने के लिए केंद्र सरकार की रैपिड एक्शन फोर्स की एक टीम जोशीमठ पहुंच गई है। यह टीम जोशीमठ में प्रभावित इलाकों का 10 फरवरी तक निरीक्षण कर नुकसान का आकलन करेगी। इस टीम में 60 जवान हैं जो प्रभावित इलाकों से नुकसान के डेटा का आकलन करेंगे। इसके साथ ही जनसंपर्क भी किया जाएगा।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।