Uttarakhand : उत्तराखंड में लागू हुआ UCC, ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बना उत्तराखंड - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

उत्तराखंड में लागू हुआ UCC, ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बना उत्तराखंड

Sakshi Chhamalwan
9 Min Read
उत्तराखंड में लागू हुआ UCC

उत्तराखंड में आज समान नागरिक संहिता (UCC) लागू हो गया है. सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 27 जनवरी को मुख्यमंत्री आवास में यूसीसी के पोर्टल को लॉन्च किया. बता दें ऐसा करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है. कार्यक्रम के दौरान सीएम धामी ने यूसीसी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन भी करवाया. बता दें यूसीसी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने वाले सीएम धामी पहले व्यक्ति बन गए हैं.

UCC लागू करने के बाद राज्य के सभी नागरिकों के अधिकार हो गए हैं समान : CM

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी नियमावली कमेटी का आभार व्यक्त कर कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है. सीएम धामी ने कहा इसी पल से उत्तराखंड राज्य के सभी नागरिकों के अधिकार समान हो गए हैं. सीएम धामी ने कहा कि ये पल मेरे लिए भावनात्मक पल है. यूसीसी का पोर्टल लॉन्च करने के दौरान सीएम धामी ने ऐलान किया कि उत्तराखंड में हर साल 27 जनवरी को यूसीसी दिवस के रूप में मनाया जाएगा.

सीएम ने कहा 2022 में मैंने जो वायदा राज्य की जनता से किया था आज वह पूरा हो गया है. मुझे उम्मीद थी कि मेरे राज्य की जनता इस कार्य में मेरा साथ देगी, वो आज सफल हुआ है. सीएम ने कहा लगभग तीन साल बाद ये पल आया है, जब यूसीसी कानून लागू हो गया है. अब धर्म, जाति, लिंग के आधार में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाएगा. सीएम ने कहा कि अब हलाल, तीन तलाक, बहु विवाह, बाल विवाह में पूरी तरह से विराम लग जाएगा.

20 जनवरी को धामी कैबिनेट ने UCC नियामवली पर लगाई थी मुहर

बता दें यूसीसी के लिए मुख्यमंत्री धामी ने 27 मई 2022 को विशेषज्ञ समिति का गठन किया था. समिति ने अपनी रिपोर्ट 2 फरवरी 2024 को सरकार को सौंप दी थी. जिसके बाद 8 मार्च 2024 को विधानसभा में विधेयक पारित किया गया. विधानसभा से विधेयक पारित होने के बाद इसे राष्ट्रपति के अनुमोदन के लिए भेजा गया. 12 मार्च 2024 को इसे राष्ट्रपति मुर्मू ने हरी झंडी दिखाई. 20 जनवरी को यूसीसी की नियामवली को धामी कैबिनेट से मंजूरी मिली.

क्या होता है Uniform Civil Code ?

यूनिफॉर्म सिविल कोड एक देश एक नियम के तहत काम करता है. इसके तहत सभी धर्म के नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, गोद लेना, विरासत और उत्तराधिकार जैसे कानूनों को एक कॉमन कानून के तहत नियंत्रित करने की बात कही गई है. फिर चाहे वो व्यक्ति किसी भी धर्म का क्यों न हो. मौजूदा समय में अलग-अलग धर्मों में इन्हें लेकर अलग-अलग राय और कानून हैं.

कैसे आया था Uniform Civil Code ?

यूनिफॉर्म सिविल कोड सबसे पहले ब्रिटिश सरकार के समय आया था जब ब्रिटिश सरकार ने सबूत, अपराध और अनुबंधों से संबंधित एक रिपोर्ट पेश की. इस रिपोर्ट में भारत की संहिताकरण की एकरूपता को लेकर जोर दिया गया. रिपोर्ट में ये भी कहा गया था कि हिंदू और मुस्लिम के व्यक्तिगत कानून संहिताकरण से बाहर रहे.

क्यों महसूस की गई UCC की जरूरत

कानून सबके लिए एक समान है. शादी, तलाक, उत्तराधिकार, विरासत और लैंगिक समानता के लिए यूसीसी की जरूरत पूरे देश में महसूस की गई. इसके तहत शादी, तलाक, बच्चा गोद लेने और सम्पत्ति बंटवारे जैसे मामलों में सभी नागरिकों के लिए एक जैसे नियम ही होंगे.

यूनिफार्म सिविल कोड लागू होने से बहुविवाह पर रोक लगेगी. इसके साथ ही लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाई जाएगी ताकि वो विवाह से पहले ग्रेजुएट हो सकें. सबसे अहम बात ये है कि लिवइन रिलेशनशिप का डिक्लेरेशन जरूरी होगा.

इसकी जानकारी माता-पिता को जरूर दी जाएगी. इसके तहत शादी का पंजीकरण कराना जरूरी होगा। बगैर रजिस्ट्रेशन किसी भी सरकारी सुविधा का लाभ दम्पति को नहीं मिलेगा.

दुनिया के इन देशों में लागू है UCC

UCC को लेकर देश में चर्चाएं हो रही हैं. जल्द ही उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने जा रहा है. ऐसा होने से उत्तराखंड देश का ऐसा पहला राज्य बन जाएगा जहां पर यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किया गया है.

जहां एक ओर देश में यूसीसी लाने की बात की जा रही है तो वहीं दुनिया के कई ऐसे देश हैं जो इसे काफी समय पहले ही लागू कर चुके हैं. इन देशों में विकसित और आधुनिक देश भी शामिल हैं.

यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने वाले देशों की लंबी लिस्ट है. इस लिस्ट में अमेरिका, आयरलैंड, बांग्लादेश, मलेशिया, तुर्किये, इंडोनेशिया, सूडान, मिस्र, जैसे कई देश शामिल हैं.

UCC की यात्रा

  • 27 मई 2022 – यूसीसी पर विशेषज्ञ समिति का गठन
  • 2 फरवरी 2024 – यूसीसी पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत
  • 8 फरवरी 2024 – राज्य विधानसभा द्वारा अधिनियम अनुमोदित
  • 8 मार्च 2024 – भारत के राष्ट्रपति द्वारा अधिनियम अनुमोदित
  • 12 मार्च 2024 – यूसीसी उत्तराखंड अधिनियम 2024 जारी
  • 18 अक्टूबर 2024 – यूसीसी नियमावली प्रस्तुत
  • 27 जनवरी 2025 – यूसीसी लागू

UCC का दायरा

अनुसूचित जनजातियों को छोड़कर, सम्पूर्ण उत्तराखंड राज्य, साथ ही राज्य से बाहर रहने वाले उत्तराखंड के निवासियों पर लागू होगा यूसीसी

विवाह पंजीकरण

  • 26 मार्च 2010, से संहिता लागू होने की तिथि बीच हुए विवाह का पंजीकरण अगले छह महीने में करवाना होगा
  • संहिता लागू होने के बाद होने वाले विवाह का पंजीकरण विवाह तिथि से 60 दिन के भीतर कराना होगा

UCC में लिव इन रिलेशनशिप को लेकर क्या नियम है?

संहिता लागू होने से पहले से स्थापित लिव इन रिलेशनशिप का, संहिता लागू होने की तिथि से एक महीने के भीतर पंजीकरण कराना होगा. जबकि संहिता लागू होने के बाद स्थापित लिव इन रिलेशनशिप का पंजीकरण, लिवइन रिलेशनशिप में प्रवेश की तिथि से एक महीने के भीतर पंजीकरण कराना होगा.

लिव इन समाप्ति

एक या दोनों साथी आनलाइन या ऑफलाइन तरीके से लिव इन समाप्त कर सकते हैं. यदि एक ही साथी आवेदन करता है तो रजिस्ट्रार दूसरे की पुष्टि के आधार पर ही इसे स्वीकार करेगा.

यदि लिव इन से महिला गर्भवती हो जाती है तो रजिस्ट्रार को अनिवार्य तौर पर सूचना देनी होगी. बच्चे के जन्म के 30 दिन के भीतर इसे अपडेट करना होगा.

वसीयत को लेकर UCC में नियम

वसीयत तीन तरह से हो सकेगी. पोर्टल पर फार्म भरके, हस्तलिखित या टाइप्ड वसीयड अपलोड करके या तीन मिनट की विडियो में वसीयत बोलकर अपलोड करने के जरिए.

UCC अधिनियम

  • पुरुष की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और महिला की 18 वर्ष.
  • दोनों पक्ष मानसिक रूप से स्वस्थ और विवाह की अनुमति देने में सक्षम हों.
  • दोनों में से किसी के पास जीवित जीवनसाथी न हो.
  • निषिद्ध संबंधों (prohibited relationships) के दायरे में न आते हों, अमान्य होंगी.
  • बहुविवाह, बहुपतित्व, हलाला, इद्दत और तीन तलाक जैसी परंपराएँ अमान्य होंगी.
  • विवाह पंजीकरण अनिवार्य होगा.
  • 27 मार्च 2010 के बाद हुए विवाहों का पंजीकरण पहले से किया गया हो, तो सिर्फ सूचना देना पर्याप्त होगा.
  • विवाह पंजीकरण के लिए ऑनलाइन और कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से आवेदन की सुविधा.
  • सब-रजिस्ट्रार को आवेदन के 15 दिनों के भीतर निर्णय करना होगा.
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Sakshi Chhamalwan उत्तराखंड में डिजिटल मीडिया से जुड़ीं युवा पत्रकार हैं। साक्षी टीवी मीडिया का भी अनुभव रखती हैं। मौजूदा वक्त में साक्षी खबरउत्तराखंड.कॉम के साथ जुड़ी हैं। साक्षी उत्तराखंड की राजनीतिक हलचल के साथ साथ, देश, दुनिया, और धर्म जैसी बीट पर काम करती हैं।