Big News : काबुल से देहरादून लौटे युवकों ने सुनाई आपबीती, कहा-जीवनभर नहीं भूलेंगे ये 4 दिन का सफर - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

काबुल से देहरादून लौटे युवकों ने सुनाई आपबीती, कहा-जीवनभर नहीं भूलेंगे ये 4 दिन का सफर

Reporter Khabar Uttarakhand
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देहरादून : अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हालात खराब हैं। खुद अफगानिस्तान-काबुल के लोग अपनी जान बचाने के लिए उधर उधर भाग रहे हैं तो अन्य देशों से आए लोगों का क्या हाल होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। कई लोग एक कमरे में कैद हो गए हैं। कई दिनों से भूखे प्यासे हैं। काबुल में उत्तराखंड के भी 100 से अधिक लोग फंसे हुए हैं। वहीं बता दें कि काबुल स्थित ब्रिटिश दूतावास की सुरक्षा में तैनात सुनील थापा और भूपेंद्र सिंह चार दिनों के लगातार हवाई सफर के बाद देहरादून लौटे। उन्होंने अपने परिवार और मीडिया को अपनी आप बीती सुनाई। सुनील थापा और भूपेंद्र काबुल ने इस यात्रा को जीवन में कभी नहीं भूलने वाली घटना बताई।

देहरादून लौटे काबुल नौकरी करने गए दो युवक

आपको बता दें कि डाकपत्थर निवासी सुनील थापा और बाडवाला निवासी भूपेंद्र सिंह ब्रिटिश एंबेसी की सुरक्षा में तैनात थे जो की बुधवार को सकुशल देहरादून स्थित अपने घर पहुंचे। उन्होंने तालिबान की हरकतों और अफगानिस्तान की स्थिति के बारे में परिवार औऱ मीडिया को बताया। उनकी आंखों में आंसू छलक उठे।

सुनील थापा सेना से रिटायर्ड हैं

आपको बता दें कि सुनील थापा सेना(गोरखा रेजिमेंट) से रिटायर्ड हैं। उन्होंने बताया कि काबुल में तालिबानी कार्रवाई को देखते हुए पिछले 15-20 दिनों से सभी देशों के दूतावासों में हलचल शुरू हो गई थी। इस बात का अनुमान किसी को नहीं था कि इतना जल्दी सब कुछ बदल जाएगा। अफगानिस्तान में स्थिति खराब है। बताया कि 13 अगस्त की रात ब्रिटिश अधिकारियों ने उन्हें अचानक तुरंत काबुल छोड़ने का आदेश दिया जिससे वो डर गए कि आखिर ये क्या हो रहा है।

ऐसा रहा चार दिन का हवाई सफर

दोनों ने बताया कि ब्रिटिश दूतावास के अधिकारियों ने 14 अगस्त को सबसे पहले उनके ग्रुप को काबुल स्थित अमेरिका के एयर बेस पहुंचाया, वहां से ब्रिटिश मालवाहक जहाज से उन्हें दुबई ले जाया गया। दुबई के हवाई अड्डे पर कुछ घंटे रुकने के बाद उन्हें लंदन ले जाया गया। लंदन में लगभग 10 घंटे उन्होंने हवाई अड्डे पर बिताए। हिथ्रो हवाई अड्डे पर सभी कोरोना जांच हुई। इसके बाद उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट ले जाया गया। बताया कि 14 से 18 तारीख तक के इस 4 दिनों के सफर में वह सिर्फ हवाई जहाज और एयरपोर्ट के वेटिंग रूम में ही रहे। इन चार दिनों की यात्रा में खाना, आराम करना औऱ सोना जैसे वो भूल गए थे।

दोनों ने जानकारी दी कि करीबन 100 से अधिकर भारतीय वहां फंसे हैं औऱघर लौटने के इंतजार में हैं। उन्हे सरकार से काफी उम्मीद है कि वो उन्हें वापस अपने वतन लाएंगे।

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