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स्लम एरिया के पास खौफ में जी रहे थे उत्तराखंड के युवक, सोनू सूद मसीहा बनकर आए…सुनाई आपबीती

Reporter Khabar Uttarakhand
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appnu uttarakhand newsदेहरादून : लॉकडाउन में सोनू सूद मजदूरों समेत कई लोगों के लिए समीहा साबित हुए। आज पूरे देश में सोनू सूद की चर्चाएं हैं। सोनू सूद नाम के मोहताज नहीं है। सभी को जानकारी है कि बीते दिनों सोनू सूद ने मुंबई में फंसे कई लोगों को फ्लाइट के जरिए घर भिजवाया। यहां तक की उत्तराखंड प्रवासियों को खुद एयरपोर्ट छोड़ने आए।

दोनों युवकों ने किया दर्द बयां

वहीं घर पहुंचे दो उत्तराखंड प्रवासी युवकों ने अपना दर्द बयां किया और सोनू सूद की तारीफ की। जी हां डीडीहाट के दो युवकों ने बताया कि ढाई महीने से वो मदद के इंतजार में थे। तभी सोनू सूद मसीहा बनकर आए और उनके लिए देहरादून के लिए फ्लाइट की टिकटें बुक की। अभी दोनों युवकों समेत कई लोग जिनको सोनू सूद ने फ्लाइट के जरिए दून भेजा वो क्वारंटीन में हैं।

दीपक कन्याल और ललित मुंबई में फंस गए थे

दोनों युवकों ने क्वारंटीन सेंटर से अपनी आपबीती सुनाई और सोनू सूद को धन्यवाद कहा। आपको बता दें कि डीडीहाट के किरोली निवासी दीपक कन्याल और दूनाकोट निवासी ललित तिवारी मुंबई में काम करते हैं। दीपक कन्याल मरीन पोर्ट में और ललित तिवारी किसी अन्य कंपनी में काम करता था। लॉकडाउन के कारण दोनों ढाई महीने से कमरे में कैद थे। मदद का इंतजार कर रहे थे लेकिन कोई मदद नहीं मिल पा रही थी।

मुंबई के स्लम एरिया के पास थे दोनों

उत्तराखंड प्रवासी दीपक और ललित ने बताया कि वे जिस जगह पर रह रहे थे वहां से मुंबई का स्लम एरिया पास ही था। स्लम एरिया में लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे थे और उनके एरिया तक कोरोना पहुंचना आसान थी जिससे वो डरे थे। उन्हे घर जाना था लेकिन सब बेकार था। तब एक दिन दोनों ने कौथिग फाउंडेशन के जगजीवन कन्याल को अपनी समस्या बताई। जिसके बाद  जगजीवन ने सोनू सूद को इसके बारे में बताया।

सोनू सूद ने तुरंत कराई फ्लाइट की टिकटें बुक

सोनू सूद ने तुरंत दो टिकटें मुंबई से देहरादून के लिए बुक कराई। जिसके बाद दोनों युवक मुंबई से देहरादून पहुंचे और सात दिन के लिए क्वारंटीन किए गए। जहां पहुंचकर दोनों ने राहत की सांस ली। उन्होंने बताया कि एक बार तो उन्हें ऐसा लगा कि वो कभी घर नहीं जा पाएंगे लेकिन सोनू सूद उनके लिए फरिस्ता बनकर आए। दोनों ने सोनू सूद का फिर से शुक्रिया अदा किया।

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