Assembly Elections : उत्तराखंड : चुनावी रण में दो बेटियां, क्या ले पाएंगी पिता की हार का बदला - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

उत्तराखंड : चुनावी रण में दो बेटियां, क्या ले पाएंगी पिता की हार का बदला

Reporter Khabar Uttarakhand
3 Min Read
# Uttarakhand Assembly Elections 2022

# Uttarakhand Assembly Elections 2022

देहरादून: 2022 के चुनावी समर का मैदान तैयार है। सभी योद्धा मैदान में उतर चुके हैं। हर कोई जीत का दाव कर रहे हैं। सभी को लगता है कि वो जीत हासिल करेेंगे। कुछ योद्धा दलों से मैदान में हैं, तो कुछ निर्दलीय ही ताल ठोक रहे हैं। इस चुनावी समर में दो बेटियां भी मैदान में हैं। दोनों ही ऐसी सीटों से चुनाव लड़ रही हैं, जहां से दोनों के ही पिताओं को पूर्व में हार का सामना करना पड़ा था।

कोटद्वार विधानसभा सीट से भाजपा ने ऋतु खंडूरी को चुनाव मैदान में उतारा है। इसी सीट पर पूर्व सीएम बीसी खंडूरी चुनाव हार चुके हैं। भाजपा ने तब खंडरी हैं, जूरीर का नारा दिया था। इस नारे के बाद भाजपा को जीत की उम्मीद थी, लेकिन भाजपा को उसमें कामयाबी नहीं मिली थी। इसी एक हार से भाजपा सत्ता से दूर रह गई थी।

जनरल बीसी खंडूरी की उस हार का बदला लेने अब उनकी बेटी ऋतु खंडूरी मैदान में हैं। ऋतु खंडूरी के सामने पिता की हार का बदला लेना बहुत बड़ी चुनौती है। दरअसल, कोटद्वार से कांग्रेस के दिग्गज नेता सुरेंद्र सिंह नेगी मैदान में हैं। सुरेंद्र सिंह नेगी पिछला चुनाव हार गए थे, लेकिन इस बार वो फिर से पूरी ताकत से चुनाव मैदान में हैं।

इधर, पूर्व सीएम हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत भी हरिद्वार ग्रामीण सीट से चुनाव मैदान में हैं। इस सीट से सीएम रहते हरीश रावत पिछले चुनाव में 10 हजार से अधिक के अंतर से चुनाव हार गए थे। उनको स्वामी यतीस्वरानंद ने मात दी थी। तब मोदी लहर थी, लेकिन इस बार हालात कुछ बदले-बदले हैं।

अनुपमा रावत की राह आसान नहीं है। कांग्रेस के कई नेता उनको प्रत्याशी बनाए जाने के बाद कांग्रेस को अलविदा कह चुके हैं। कई नेता नाराज बताए जा रहे हैं। हालांकि, राहत इस बात की भी है कि स्वामी यतीस्वरानंद का भी भाजपा के कई नेता और कार्यकर्ता विरोध कर रहे हैं। पिछले दिनों भाजपा कार्यालय में लोगों ने विरोध भी किया था।

अब देखना होगा कि दोना बेटियां इस बार अपने पिताओं की हार का बदला ले पाती हैं या नहीं। दोनों पूर्व सीएम की बेटियों के सामने बड़ी चुनौती है। दोनों के ही सामने बड़े नेताओं से पार पाने की चुनौती है। यह देखने वाली बात होगी कि इस बार जनता उन पर भरोसा करती है या फिर एक बार उनको हार का सामना करना पड़ता है।

Share This Article