Big News : टनल हादसा : प्रधानमंत्री चौकन्ने, उत्तराखंड के अधिकारी निकम्मे ! - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

टनल हादसा : प्रधानमंत्री चौकन्ने, उत्तराखंड के अधिकारी निकम्मे !

Yogita Bisht
4 Min Read
PM MODI

उत्तरकाशी के सिलक्यारा में साढ़े 4 किलोमीटर की निर्माणाधीन टनल में भू धसाव के बाद टनल में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए जहां कई प्रयास किए जा रहे हैं। तो वहीं टनल के निर्माण को लेकर बरती गई अनियमितताओं को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस द्वारा एक आरोप ऐसा लगाया जा रहा है जो सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा लिए गए फैसले की अनदेखी का है। जिस से अधिकारियों पर कई सवाल उठ रहे हैं।

कांग्रेस ने सरकार पर लगाए अनदेखी के आरोप

उत्तरकाशी के सिलक्यारा में साढ़े 4 किलोमीटर की निर्माणाधीन टनल में भू धंसाव के बाद 41 श्रमिकों सकुशल बाहर निकलने को लेकर कई प्रयास किया जा रहे हैं। वहीं टनल के निर्माण में बरती गई अनियमितताए भी सवालों के घेरे में है। वहीं कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना के द्वारा एक ऐसा आरोप और कुछ सवाल केंद्र सरकार से पूछे गए हैं। जिनकी अगर अनदेखी न हुई होती तो श्रमिकों को पहले दिन ही टनल से बाहर निकाल लिया जाता।

टनल में क्यों नहीं बनाया गया एस्केप चैनल ?

कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष धस्माना का कहना है कि पीएम मोदी के द्वारा केंद्रीय कैबिनेट बैठक में सिलक्यार टनल में एस्केप चैनल को भी मंजूरी प्रदान की गई थी। लेकिन सिलक्यार में टनल निर्माण के साथ एस्केप चैनल नहीं बनाई गई जिस वजह से श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं।

लेकिन अगर एस्केप चैनल बना होता तो पहले दिन ही श्रमिकों को बाहर निकाला लिया जाता। इसलिए लिए केंद्र सरकार के साथ केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से वो सवाल पूछते हैं कि जब टनल निर्माण के साथ एस्केप चैनल बनाए जाने को पीएम की अध्यक्षता में मंजूरी मिली थी तो फिर स्केप चैनल बनी क्यों नहीं ?

pm modi

क्या होती है एस्केप टनल (Escape Tunnel) ?

उत्तरकाशी के सिलक्यारा में सुरंग में बीते बारह दिनों से मजदूर फंसे हुए हैं। मजदूरों को निकालने के लिए लगातार कोशिशें की जा रही है। इसी बीच बार-बार एस्केप टनल को लेकर सवाल उठ रहे हैं। आपको बता दें कि किसी भी सुरंग में आपात स्थिति में बचाव कार्य को सुविधाजनक बनाने के लिए एस्केप टनल बनाई जाती है। एस्केप टनल से किसी भी आपात स्थिति में रेस्क्यू ऑपरेशन करने में बहुत आसानी होती है।

दरअसल टनल के निर्माण के साथ अगर किसी तरह का भू-धंसाव होने से टनल बंद हो जाती है तो टनल की बगल में साथ-साथ एक छोटी टनल बनाई जाती है। जिससे आपात स्थिति आने में इस्तेमाल किया जाता है। ताकि किसी तरह की बाधा न हो। इसी छोटी टनल को एस्केप चैनल कहते हैं।

क्या इस मामले की होगी जांच ?

सिलक्यारा टनल के साथ एस्केप चैनल को मंजूरी मिली थी तो स्केप चैनल क्यों नहीं बना। क्या अधिकारियों की लापरवाही के कारण ये हादसा हुआ है। वास्तव में जांच का विषय है कि क्यों एस्केप चैनल नहीं बनाया गया। ऐसे में अधिकारियों पर कई सवाल उठ रहे हैं। देखना ये होगा कि क्या इस मामले की जांच होती है कि किसकी लापरवाही से ये हादसा हुआ है।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।