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काम की तलाश में बिहार से आया था हल्द्वानी, बनभूलपुरा हिंसा में सिर में लगी तीन गोलियां, दर्दनाक मौत

Yogita Bisht
3 Min Read
हिंसा में युवक की मौत

हल्द्वानी हिंसा ने जहां एक ओर उत्तराखंड के इतिहास में काला दाग लगा दिया है तो वहीं कई लोगों को कभी ना भरने वाले जख्म दिए हैं। इस हिंसा में छह लोगों की मौत हो गई। जिसमें से एक मौत बिहार के रहने वाले युवक की हुई है। जो काम की तलाश में आठ फरवरी को ही हल्द्वानी पहुंचा था। लेकिन हिंसा के दौरान उसके सिर में तीन गोलियां लगने से उसकी दर्दनाक मौत हो गई।

काम की तलाश में युवक बिहार से आया था हल्द्वानी

बिहार के भोजपुर जिले के छैनेगांव निवासी 24 वर्षीय प्रकाश कुमार सिंह कुछ दिन पहले ही बिहार से हल्द्वानी काम की तलाश के लिए निकला था। लेकिन यहां उसे काम तो नहीं मिला लेकिन उसको मौत जरूर मिल मिल गई। बनभूलपुरा में उपद्रव के दौरान गोली लगने से उसकी मौत हो गई। हिंसा के दौरान उसके सिर में तीन गोलियां लगी। रविवार को युवक के जीजा हल्द्वानी पहुंचे और शव की शिनाख्त करके पोस्टमार्टम के बाद बिहार लेकर गए।

आठ फरवरी को ही हल्द्वानी पहुंचा था प्रकाश

मिली जानकारी के मुताबिक प्रकाश कुमार सिंह पुत्र श्याम देव सिंह ने इसी साल अपनी ग्रेजुएशन पूरी की थी। जिसके बाद वो काम की तलाश में था। काम की खोज में वो छह फरवरी को घर से उत्तराखंड के लिए निकला और आठ फरवरी को वो हल्द्वानी पहुंचा। लेकिन आठ फरवरी की शाम को ही उसकी मौत हो गई।

घर की जिम्मेदारी थी प्रकाश के कंधों पर

बताया जा रहा है कि आठ फरवरी को दोपहर से ही परिजन प्रकाश को फोन कर रहे थे। लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। परिजन लगातार फोन कर रहे थे लेकिन प्रकाश से बात नहीं हुई। जब फोन उठाया तो परिजनों की बात पुलिस से हुई। पुलिस ने परिजनों को प्रकाश की मौत की खबर दी।

प्रकाश सात भाई-बहनों में छठे नंबर का था। जिसमें पांच बहनें बड़ी व एक भाई छोटा है। घर का बड़ा बेटा होने पर प्रकाश के ऊपर कई जिम्मेदारियां थी। जिन्हें पूरा करने के लिए वो काम की तलाश में उत्तराखंड आया था। प्रकाश की मौत किस असलहे से हुई पुलिस इस बात की जांच में जुट गई है।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।