वाराणसी के काशी हिन्दू विश्वविघालय में IIT BHU की एक छात्रा के साथ कथित रुप से सामूहिक दुष्कर्म करने वाले तीनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। तीनों आरोपियों के नाम कुणाल पांडेय, सक्षम पटेल और अभिषेक चौहान है। मामले को लेकर विपक्षी दलों सपा और कांग्रेस ने आरोपियों का भारतीय जनता पार्टी से संबंध होने का आरोप लगाया है। हालांकि, अखिल भारतीय विघार्थी परिषद ने आरोपियों को संरक्षण देने वालों की जांच की मांग की है।
सपा प्रमुख ने क्या दावा किया?
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर आरोपियों की एक तस्वीर शेयर करते हुए दावा किया कि ये भाजपा के दिग्गज नेताओं की छत्रछाया में सरेआम पनपते और घूमते भाजपाईयों की वो नई फसल, जिनकी तथाकथित जीरो टॉलरेंस सरकार में दिखावटी तलाश जारी है।
जानकारी के अनुसार आरोपियों की पहचान वारदात के 7 दिन बाद ही हो गई थी लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने में लगभग 60 दिन लगा दिए। हालांकि इस आरोप पर पुलिस की तरफ से कोई बयान सामने नहीं आया है।
क्या हुआ था उस रात?
बता दें कि आईआईटी की एक छात्रा ने बीते दो नवंबर को लंका थाने में तहरीर देकर आरोप लगाया था कि एक नवंबर की देर रात वह अपने आईआईटी हॉस्टल से निकली थी और कुछ ही दूरी पर उसका एक दोस्त उसे मिल गया और दोनों कर्मन बाबा के मंदिर के पास पहुंचे तभी एक मोटरसाइकिल पर सवार तीन लोगों ने उन्हें रोक लिया। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि बदमाशों ने उसे उसके दोस्त से अलग कर दिया और फिर उसका मुंह दबा कर उस कोने में ले गए और गन प्वाइंट पर उसे निर्वस्त्र कर वीडियो बनाया और फोटो खींचे। वहीं पीड़िता ने आरोप लगाया था कि बदमाशों ने करीब 15 मिनट तक उसे बंधक बनाए रखा फिर वे उसरा मोबाइल नंबर लेकर भाग गए। इस मामले में लंका पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी।
दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो- अभय प्रताप
पुलिस ने इस मामले में सामूहिक बलात्कार की धारा भी जोड़ी। मामले में एबीवीपी काशी हिन्दू विश्वविघालय के इकाई अध्यक्ष एवं काशी प्रांत मंत्री अभय प्रताप सिंह के हवाले से एक बयान जारी कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। बयान में कहा गया है कि पुलिस प्रशासन आईआईटी-बीएचयू में छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना में लगभग 60 दिनों के बाद आरपियों की गिरफ्तारी हुई है। दो महिने तक आरोपियों को बचाने वाले लोगों की पहचान कर कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित हो।