Big News : पिथौरागढ़ में सात सालों से नहीं खुल पाई ये सड़क, ग्रामीण पैदल सफर करने को मजबूर, आज भी कर रहे इंतजार - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

पिथौरागढ़ में सात सालों से नहीं खुल पाई ये सड़क, ग्रामीण पैदल सफर करने को मजबूर, आज भी कर रहे इंतजार

Yogita Bisht
3 Min Read
रोड बंद
प्रतीकात्मक तस्वीर

प्रदेश में मानसून सीजन में आए दिन भारी बारिश होने के कारण कई स्थानों पर मलबा आने के कारण सड़कें बाधित हो जाती हैं। कई-कई दिनों तक भी मलबे के कारण सड़कें बंद रहती हैं। लेकिन पिथौरागढ़ जिले में एक सड़क ऐसी है तो आज से सात साल पहले मलबा और भूस्खलन होने के कारण बंद हो गई थी। लेकिन सात साल बाद आज तक नहीं खुल पाई है।

पिथौरागढ़ में सात सालों से नहीं खुल पाई ये सड़क

पिथौरागढ़ के नाचनी क्षेत्र की देकुना-बसंतनगर सड़क को लाखों की लागत से बनाया गया था। दो साल तक सड़क पर वाहनों का संचालन भी हुआ। लेकिन साल 2017 में इस सड़क पर मलबा आने के कारण ये सड़क बंद हो गई थी। मलबा गिरने और भूस्खलन होने के सात साल बीता जाने के बाद भी सड़क आज तक नहीं खुल पाई है।

ग्रामीण आज भी कर रहे सड़क के खुलने का इंतजार

बीते कई सालों से ग्रामीण इस सड़क को खोलने की गुहार लगा रहे हैं। लेकिन जिम्मेदार उनकी सुनने को ही तैयार नहीं है। जिसका नतीजा ये है कि आज भी ये सड़क बंद है। रोड बंद होने के कारण ग्रामीण पैदल सफर करने को मजबूर हैं। सात सालों के इंतजार के बाद अब ग्रामीणों का सब्र का बांध टूट गया है। ग्रामीणों ने सोमवार को सड़क पर पहुंचकर प्रदर्शन किया।

सड़क नहीं खुली तो ग्रामीण देंगे डीएम कार्यालय में धरना

ग्रामीणों का कहना है कि सालों से वो सड़क खोलने की गुहार लगा रहे हैं। गुहार लगाते-लगाते वो थक गए हैं। सोमवार को इसके विरोध में ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी भी की। ग्रामीणों का कहना है कि रोड बंद होने के कारण बीमारों, गर्भवती महिलाओं को पैदल चलकर अस्पातल ले जाना पड़ रहा है। रोजाना बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर पढ़ने के लिए स्कूल जा रहे हैं। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर सड़क को खुलवाने का काम जल्द से जल्द नहीं होगा तो वो डीएम कार्यालय पहुंचकर धरना शुरू करेंगे।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।