चमोली में हुए करंट हादसे के बाद जांच के आदेश दिए गए थे। जांच में सामने आया है कि गढ़वाल मंडल के दो जिलों में सात एसटीपी में करंट फैलने का सबसे ज्यादा खतरा है। जिसके बाद इन्हें बंद करते हुए 48 घंटे का नोटिस जारी कर दिया गया है।
चमोली और रुद्रप्रयाग के सात STP खतरनाक
चमोली में हुए करंट हादसे के बाद हुई जांच में सामने आया है कि चमोली और रुद्रप्रयाग जिले में चल रहे सात एसटीपी खतरनाक है। इन सात एसटीपी में करंट फैलने का सबसे ज्यादा खतरा है। पेयजल निगम ने इन सात सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बंद कर दिया। इसके साथ ही कंपनी को इनमें सुधार के लिए 48 घंटे का नोटिस जारी कर दिया है।
48 घंटे का नोटिस जारी
चमोली और रुद्रप्रयाग जिले में चल रहे सात एसटीपी प्लांट को बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही कंपनी को इनमें सुधार करवाने के लिए 48 घंटे का समय दिया गया है। अगर तय समय में कंपनी काम नहीं कराती हौ तो इसके बिल से इसकी कटौती कर ली जाएगी।
चमोली हादसे के बाद कराई गई जांच
गढ़वाल मंडल में कांफिडेंट इंडिया कंपनी ने 18 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए हैं। जिनमें से सात एसटीपी का संचालन पेयजल निगम द्वारा किया जा रहा है।
चमोली में हुए करंट हादसे के बाद इन सभी का सेफ्टी ऑडिट कराया गया था। जिसमें से सात खतरनाक हैं इनमें करंट फैलने का सबसे ज्यादा खतरा है।
तेज बहाव में बह गए एसटीपी के अर्थिंग सहित कई उपकरण
सेफ्टी ऑडिट में पता चला है कि अलकनंदा, पिंडर नदियों के साथ ही रुद्रप्रयाग के एक गदेरे के तेज बहाव में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के अर्थिंग सहित कई उपकरण बह गए हैं।
जिसके बाद इन प्लांट को बेहद ही असुरक्षित माना गया है। पेयजल निगम के एमडी एससी पंत ने इन्हें असुरिक्षत मानते हुए इन सातों प्लांट में विद्युत आपूर्ति बंद करा दी है। इसके साथ ही इन्हें नोटिस जारी कर दिया गया है।