National : इन कंपनियों ने खरीदें सबसे ज्यादा Electoral Bond, तीन पर पड़ चुका है आयकर का छापा - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

इन कंपनियों ने खरीदें सबसे ज्यादा Electoral Bond, तीन पर पड़ चुका है आयकर का छापा

Renu Upreti
2 Min Read
These companies bought the most Electoral Bonds

निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को अपनी वेबसाइट पर Electoral Bond के आंकड़े सार्वजनिक कर दिये हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह जानकारी साक्षा करने के लिए आयोग को 15 मार्च तक की समय सीमा दी थी। स्टील कारोबारी लक्ष्मी मित्तल से लेकर सुनील भारती मित्तल की एयरटेल, अनिल अग्रवाल की वेदांता, आईटीसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा से लेकर कम प्रसिद्ध फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज अब रद्द किए जा चुके चुनावी बॉन्ड के प्रमुख खरीदारों में शामिल थे।

2019 और 2024 के बीच राजनीतिक दलों को टॉप 5 चुनावी बॉन्ड डोनर्स में से तीन ऐसी कंपनियां हैं जिन्होनें प्रवर्तन निदेशालय और आयकर जांच का सामना करने के बावजूद बॉन्ड खरीदे हैं। इनमें लॉटरी कंपनी फ्यूचर गेमिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर फर्म मेद्या इंजीनियरिंग और माइनिंग कंपनी वेदांता शामिल है।

सैंटियागो मार्टिन की कंपनी नंबर 1 दानकर्ता

चुनाव आयोग द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों में चुनावी बॉन्ड के नंबर 1 खरीदार सैंटियागो मार्टिन द्वारा संचालित फ्यूचर गेमिंग एंड होटल्स प्राइवेट लिमिटेड है। लॉटरी कंपनी ने 2019 से 2024 के बीच 1,300 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे हैं। फ्यूचर गेमिंग की मार्च 2022 में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच की गई थी। इसने दो अलग-अलग कंपनियों के तहत 1350 करोड़ रुपये से अधिक के चुनावी बॉन्ड खरीदे।

दूसरा सबसे बड़ा डोनर

राजनीतिक दलों को दूसरा सबसे बड़ा डोनर हैदराबाद- बीआरडी मेद्या इंजीनियरिंग एंड इंप्रास्ट्रक्चर लिमिटेड है जिसने 2019 और 2024 के बीच 1000 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे हैं। कृष्णा रेड्डी द्वारा संचालित मेद्या इंजीनियरिंग जो तेलंगाना सरकार की प्रमुख परियोजनाओं कालेश्वरम बांध परियोजना में शामिल है।

 वेदांता समूह पांचवां सबसे बड़ा दानकर्ता

अनिल अग्रवाल का वेदांता समूह पांचवां सबसे बड़ा दानकर्ता है, जिसने 376 करोड़ रुपये के बांड खरीदे हैं, जिसकी पहली किश्त अप्रैल 2019 में खरीदी गई थी। 2018 के मध्य में, ईडी ने दावा किया था कि उसके पास वीजा के लिए रिश्वत मामले में वेदांता समूह की संलिप्तता से संबंधित सबूत हैं, जहां कुछ चीनी नागरिकों को नियमों को कथित रुप से तोड़कर वीजा दिया गया था।

Share This Article