Business : नहीं होगा EMI में कोई बदलाव, रेपो रेट सातवीं बार भी नहीं बदला, 6.5 पर रखा स्थिर   - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

नहीं होगा EMI में कोई बदलाव, रेपो रेट सातवीं बार भी नहीं बदला, 6.5 पर रखा स्थिर  

Renu Upreti
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repo rate did not change even on the seventh day
repo rate did not change even on the seventh day

भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग के नतीजों का ऐलान हो गया है। इस बार भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है। यानी कि इन दरों को 6.5 फीसदी दर पर स्थिर रखा गया है। इसका मतलब है कि आपकी ईएमआई में कोई बदलाव नहीं होने वाला है। बैठक में मौजूद 6 में से 5 सदस्य रेपो रेट को यथावत रखन के पक्ष में थे।

सातवीं बार भी स्थिर है रेपो रेट

बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो रेट में आखिरी बार बीते साल 8 फरवरी, 2023 को इजाफा किया था। तब आरबीआई ने इसे 25 बेसिस प्वाइंट या 0.25 फीसदी बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर दिया था। तब से लगातार छह MPC बैठक में इन दरों को यथावत रखा गया है और इस बार भी पहसे से ही इसमें कोई बदलाव नहीं होने की उम्मीद जताई जा रही थी। रेपो रेट के साथ ही रिजर्व बैंक ने रिवर्स रेपो रेट 3.35 % पर स्थिर रखा है। MSF रेट और बैंक रेट 6.75 पर बरकरार है। जबकि SDF रेट 6.25% पर स्थिर है।

GDP ग्रोथ 7.2 %

वहीं मीडिया रिपोर्ट में आरबीआई गवर्नर शक्तिदास कांत ने रेपो रेट को स्थिर रखने के ऐलान के साथ ही महंगाई को लेकर कहा कि खाने-पीने चीजों की कीमतों पर मोनेटरी पॉलिसी कमेटी की नजर है। महंगाई में नरमी देखने को मिल रही है। इसे देखते हुए MPC बैठक में महंगाई का लक्ष्य फीसदी रखा गया है। शक्तिकांत दास ने GDP Growth को लेकर कहा कि FY24 में भारत की रियल जीडीपी ग्रोथ अनुमान 7 फीसदी के ऊपर रखा गया है। इससे पहले के अनुमान में भी रिजर्व बैंक ने इस 7.3 फीसदी पर रखा था। इसके साथ ही उन्होनें कहा कि ग्रामीण सेक्टर में डिमांड में लगातार मजबूती दिख रही है।

FY25 के लिए रिटेल महंगाई दर का अनुमान 4.5% है। जबकि FY24 के लिए रिटेल महंगाई का अनुमान 5.4% पर बरकरार रखा गया है। इसके अलावा आरबीआई ने फाइनेंशियल ईयर 2025 की पहली तिमाही के लिए GDP ग्रोथ के अनुमान को 6.7 से बढ़ाकर 7.2 % कर दिया है। जबकि दूसरी तिमाही में GDP अनुमान 6.5% से बढ़ाकर 6.8% किया गया है। तीसरी तिमाही में 6.4 % से बढ़ाकर 7% और चौथी तिमाही में 6.9% रखा गया है।

कैसे होता है EMI पर रेपो रेट का असर?

बता दें कि रेपो रेट वह दर है, जिस पर किसी देश का केंद्रीय बैंक धन की किसी भी कमी की स्थिति में वाणिज्यिक बैंकों को पैसा उधार देता है। रेपो रेट का उपयोग मौद्रिक अधिकारियों द्वारा इंफ्लेशन को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। वास्तव में रेपो रेट का असर आम लोगों द्वारा बैंकों से लिए गए लोन की ईएमआई पर देखने को मिलता है। अगर रेपो रेट में कटौती होती है तो आम लोगों की होम और कार लोन की ईएमआई घट जाती है और अगर रेपो रेट का इजाफा होता है तो कार और होम लोन की कीमतों में बढ़ोतरी हो जाती है।

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